दिल्ली में हुए भीषण बीएमडब्ल्यू एक्सीडेंट कांड ने पूरे देश को हिला दिया है। इस सड़क हादसे में वित्त मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे के बाद से ही सवाल उठ रहे थे कि आखिरकार आरोपी महिला ड्राइवर गगनप्रीत मक्कड़ (38) ने पीड़ितों को नजदीकी अस्पताल के बजाय 19 किलोमीटर दूर क्यों ले गई? अब इस पर बड़ा खुलासा हुआ है।
🚨 पीड़िता संदीप कौर का बयान — “मैं बार-बार गुहार लगाती रही”
हादसे की प्रत्यक्षदर्शी और घायल संदीप कौर ने पुलिस को दिए बयान में चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने कहा:
“हादसे के तुरंत बाद मैंने आरोपी महिला से बार-बार विनती की कि हमें नजदीकी अस्पताल ले चलो। मेरे पति बेहोश थे और उन्हें तत्काल इलाज की जरूरत थी। लेकिन मेरी बात को नज़रअंदाज़ कर वह हमें 19 किलोमीटर दूर जीटीबी नगर के एक छोटे अस्पताल ले गई। वहां तक जाते-जाते मेरे पति ने दम तोड़ दिया।”
उनके अनुसार, अगर तुरंत पास के अस्पताल ले जाया जाता, तो शायद नवजोत सिंह की जान बच सकती थी।
👮 पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली है।
आरोपी महिला गगनप्रीत पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है:
- 281 — सार्वजनिक मार्ग पर लापरवाही से वाहन चलाना
- 125B — दूसरों के जीवन को खतरे में डालना
- 105 — गैर इरादतन हत्या (हत्या के बराबर न होने वाली)
- 238 — साक्ष्य मिटाना या अपराधी को बचाने के लिए गलत जानकारी देना
इस आधार पर आरोपी महिला को सोमवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया।
❓ क्यों ले गई गगनप्रीत दूर अस्पताल?
प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान उसी अस्पताल ने उसकी बीमार बेटी को भर्ती किया था, जब बाकी अस्पतालों ने मना कर दिया था।
उसका मानना था कि उस अस्पताल पर भरोसा किया जा सकता है और वहीं उचित इलाज मिलेगा।
लेकिन कानूनी विशेषज्ञों और पीड़ित परिवार का कहना है कि गंभीर दुर्घटना के बाद “गोल्डन ऑवर” (पहला 1 घंटा) सबसे अहम होता है। इस दौरान मरीज को नजदीकी अस्पताल में ले जाना ही प्राथमिक जिम्मेदारी होती है।
🚗 हादसे का घटनाक्रम
- रविवार दोपहर नवजोत सिंह और उनकी पत्नी संदीप कौर बंगला साहिब गुरुद्वारे से दर्शन कर लौट रहे थे।
- जब वे दिल्ली छावनी मेट्रो स्टेशन के पास पहुँचे, तभी तेज रफ्तार नीली बीएमडब्ल्यू कार ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मारी।
- टक्कर इतनी भयानक थी कि नवजोत सड़क पर जा गिरे और उनके सिर व शरीर में गंभीर चोटें आईं।
- गगनप्रीत कार चला रही थी, जबकि उसके साथ उसका पति, बच्चा और मेड भी गाड़ी में मौजूद थे। सभी को चोटें आईं।
- घटना का चश्मदीद टेम्पो ड्राइवर गुलफाम है, जिसका बयान पुलिस ने दर्ज कर लिया है।
🏛️ कानूनी और सामाजिक सवाल
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं:
- क्या गगनप्रीत का पीड़ित को दूर अस्पताल ले जाना लापरवाही थी या जानबूझकर किया गया कृत्य?
- क्या नजदीकी अस्पताल में भर्ती करने से नवजोत सिंह की जान बच सकती थी?
- क्या आरोपी महिला साक्ष्य मिटाने या जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही थी?
कानून के जानकारों का मानना है कि यह केस सिर्फ “लापरवाह ड्राइविंग” का नहीं बल्कि गैर इरादतन हत्या और साक्ष्य छिपाने का भी बनता है।
⚖️ आगे की कार्रवाई
जांच अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस गगनप्रीत और गवाहों के बयानों, मौके की सीसीटीवी फुटेज और अस्पताल के रिकॉर्ड के आधार पर केस की गहन जांच कर रही है।
गगनप्रीत को अदालत में पेश किया जाएगा, जहाँ उसकी पुलिस कस्टडी की मांग की जाएगी।