बलिया आत्महत्या मामला: पिता से विवाद के बाद 30 वर्षीय युवक ने तोड़ी जीवन-डोर, परिजनों में कोहराम

बलिया (यूपी न्यूज़ डेस्क) — उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बैरिया कस्बे के रकबा टोला मोहल्ले में सोमवार देर शाम एक दर्दनाक घटना सामने आई। यहां 30 वर्षीय युवक धर्मेंद्र गुप्ता ने घरेलू विवाद के बाद अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। घटना से न सिर्फ उसके परिवार में कोहराम मच गया बल्कि पूरे मोहल्ले में मातम का माहौल है।

पिता से विवाद के बाद उठाया कदम

स्थानीय पुलिस और परिजनों के अनुसार, धर्मेंद्र की नशे की लत को लेकर अक्सर परिवार में तनाव रहता था। सोमवार को भी इसी बात पर पिता-पुत्र के बीच बहस हुई। बताया जाता है कि पिता ने इस बार सख्त डांट लगाई थी, जिससे आहत होकर धर्मेंद्र ने खुदकुशी जैसा खतरनाक कदम उठा लिया।

अस्पताल ले जाते समय टूट गई सांसें

धर्मेंद्र को गंभीर हालत में घरवालों ने तत्काल सोनबरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया। वहां चिकित्सकों ने स्थिति नाजुक देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन रास्ते में ही धर्मेंद्र की मौत हो गई।

पुलिस जांच में क्या निकला सामने?

सर्किल ऑफिसर मोहम्मद फहीम कुरैशी ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला घरेलू विवाद और नशे की लत से जुड़ा प्रतीत होता है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही घटना के पीछे के कारणों की पुष्टि होगी। फिलहाल पुलिस मामले की विवेचना कर रही है।

गांव में छाया सन्नाटा

घटना की खबर मिलते ही पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि धर्मेंद्र अक्सर नशे की वजह से परेशान रहता था। परिवार भी उसकी आदतों से दुखी था, लेकिन किसी को उम्मीद नहीं थी कि विवाद इतना गंभीर रूप ले लेगा कि युवक अपनी जान ही ले लेगा।

मानसिक स्वास्थ्य और परिवारिक तनाव का मुद्दा

यह घटना सिर्फ एक परिवार की नहीं बल्कि समाज के लिए भी गंभीर चेतावनी है। आए दिन घरेलू तनाव, नशे की लत और मानसिक अवसाद के चलते आत्महत्या के मामले सामने आते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसी स्थिति में परिवारजनों को धैर्य के साथ संवाद करना चाहिए और जरूरत पड़ने पर परामर्शदाताओं या डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए।

प्रशासन और समाज के लिए सीख

  • पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि नशे से जुड़ी समस्याओं को जड़ से खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाए।
  • गांव और समाज को भी ऐसे युवाओं को अलग-थलग करने की बजाय सहारा देना चाहिए।
  • परिवारों को चाहिए कि विवाद को गरमा देने के बजाय शांतिपूर्वक समाधान खोजें।

आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन नंबर

यदि आपके मन में या आपके किसी परिचित के मन में खुदकुशी का ख्याल आता है, तो तुरंत मदद लें।

  • जीवनसाथी हेल्पलाइन: 1800-233-3330
  • टेलिमानस हेल्पलाइन: 1800-91-4416
    यह नंबर गोपनीय हैं और विशेषज्ञ आपको सही परामर्श देंगे। याद रखिए — जान है तो जहान है

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