उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखे तंज कसे हैं और सवाल उठाया है कि GST के नाम पर वसूली गई राशि का क्या होगा। उन्होंने जनता की तरफ से सरकार से सीधे सवाल किए कि पिछले आठ सालों में GST के रूप में वसूली गई रकम नकद लौटाई जाएगी, बीमा प्रीमियम में एडजस्ट होगी, या भाजपा के चुनावी खजाने में जाएगी।
अखिलेश यादव के सवाल
अखिलेश ने अपने आधिकारिक X (Twitter) अकाउंट पर कई तरह के व्यंग्यपूर्ण सवाल उठाए:
- क्या रकम महाकुंभ मॉडल की तरह घर-घर ‘कैश’ पहुँचाई जाएगी?
- या बीमे के अगले प्रीमियम में एडजस्ट की जाएगी?
- या सीधे DBT के जरिए खातों में जमा होगी?
- या भाजपा के नेताओं द्वारा अगले चुनाव से पहले बांटी जाएगी?
- या बच्चों की फीस और बुज़ुर्गों की दवा-देखभाल पर खर्च की जाएगी?
- या सिर्फ जुमलाकोश में जोड़ दी जाएगी?
इन सवालों में स्पष्ट है कि अखिलेश यादव ने सरकार की नीतियों और GST वसूली के पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए हैं, जबकि जनता को लाभ की चिंता है।
आज से लागू हुई GST नई दरें
22 सितंबर 2025 से केंद्र सरकार ने नई GST दरें लागू कर दी हैं, जिनसे आम नागरिकों के लिए कई घरेलू सामान और खाद्य पदार्थ सस्ते हो गए।
- रोटी, पनीर जैसे जरूरी खाद्य पदार्थ पर GST पूरी तरह समाप्त।
- नई दरें: 5% और 18% स्लैब।
- जबकि शराब, तंबाकू, सट्टेबाजी और ऑनलाइन गेमिंग जैसे सिन गुड्स पर 40% स्पेशल टैक्स।
अखिलेश यादव की यह टिप्पणी सरकार के GST वसूली और जनता को मिलने वाले फायदे पर कटाक्ष के रूप में देखी जा रही है। उनका सवाल है कि क्या ये बदलाव वास्तविक लाभ में बदलेगा या सिर्फ आम जनता के बजट पर दिखावा रहेगा।
