बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की सियासत में बड़ा बदलाव दिखने लगा है।
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने अब तीसरा मोर्चा बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है।
पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह इस बार कुल 32 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, और किसी बड़े गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी।
AIMIM का आरोप है कि महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-लेफ्ट) ने उन्हें उचित जगह नहीं दी, इसलिए अब वे अन्य छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरेंगे।
🗣️ अख्तरुल ईमान का बयान: “सेक्युलर वोटों को बचाने की कोशिश की, पर सहयोग नहीं मिला”
AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने किशनगंज में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया —
“हमने हरसंभव कोशिश की कि सभी सेक्युलर पार्टियां एक साथ आएं, ताकि सांप्रदायिक ताकतों को हराया जा सके। लेकिन हमारा प्रयास असफल रहा। इसलिए अब हम तीसरा मोर्चा बनाकर जनता के बीच जाएंगे।”
उन्होंने कहा कि AIMIM का फोकस सीमांचल, मगध और मिथिलांचल जैसे इलाकों पर रहेगा, जहां पार्टी का संगठन पहले से मजबूत है।
ईमान ने यह भी स्पष्ट किया कि
“हम 32 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे और बहुत जल्द उम्मीदवारों की सूची भी जारी करेंगे।”
📋 किस जिलों की कौन-कौन सी सीटों पर उतरेगी AIMIM — पूरी सूची देखें
| जिला | विधानसभा सीटें |
|---|---|
| किशनगंज | बहादुरगंज, ठाकुरगंज, कोचाधामन, किशनगंज |
| पूर्णिया | अमौर, बायसी, कस्बा |
| कटिहार | बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी, बरारी, कदवा |
| अररिया | जोकीहाट, अररिया |
| गया | शेरघाटी, बेला |
| मोतिहारी | ढाका, नरकटिया |
| नवादा | नवादा शहर |
| जमुई | सिकंदरा |
| भागलपुर | भागलपुर, नाथनगर |
| सिवान | सिवान |
| दरभंगा | जाले, केवटी, दरभंगा ग्रामीण, गौरा बौराम |
| समस्तीपुर | कल्याणपुर |
| सीतामढ़ी | बाजपट्टी |
| मधुबनी | बिस्फी |
| वैशाली | महुआ |
| गोपालगंज | गोपालगंज |
⚖️ तेज प्रताप से हाथ मिलाने की चर्चा तेज
AIMIM और तेज प्रताप यादव (आरजेडी नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे) के बीच बातचीत की खबरों ने सियासी हलचल बढ़ा दी है।
सूत्रों के अनुसार, दोनों के बीच “तीसरे मोर्चे” को लेकर अनौपचारिक बातचीत जरूर हुई है,
लेकिन अभी तक कोई औपचारिक गठबंधन की घोषणा नहीं हुई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर ओवैसी और तेज प्रताप एक साथ आते हैं, तो यह
सीमांचल और मिथिलांचल की सीटों पर बड़ा असर डाल सकता है, जहां AIMIM का प्रभाव पहले से मौजूद है।
🔍 राजनीतिक विश्लेषण: सीमांचल में AIMIM का बढ़ता प्रभाव
2020 के विधानसभा चुनाव में AIMIM ने सीमांचल में 5 सीटें जीती थीं,
हालांकि बाद में कुछ विधायक आरजेडी में शामिल हो गए।
इसके बावजूद, पार्टी ने उस चुनाव में यह साबित कर दिया कि
सीमांचल के मुस्लिम और पिछड़े वर्ग के वोटरों में उनकी पकड़ मजबूत है।
अब जब पार्टी ने 32 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है,
तो यह स्पष्ट है कि ओवैसी बिहार की राजनीति में
तीसरे फ्रंट की नई कहानी लिखने की कोशिश कर रहे हैं।
🗳️ बिहार विधानसभा चुनाव 2025: दो चरणों में मतदान, 14 नवंबर को नतीजे
बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे —
- पहला चरण: 6 नवंबर 2025
- दूसरा चरण: 11 नवंबर 2025
- मतगणना: 14 नवंबर 2025
इन चुनावों में एनडीए, महागठबंधन और अब ओवैसी के नेतृत्व में उभरते तीसरे मोर्चे के बीच
तीन-तरफा मुकाबले के आसार बन रहे हैं।
📢 निष्कर्ष: ओवैसी की चुनौती से बढ़ेगी सियासी गर्मी
AIMIM की 32 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा से
बिहार की चुनावी राजनीति में नई सरगर्मी आ गई है।
जहां आरजेडी और जेडीयू अपने-अपने गठबंधनों को मजबूत करने में जुटे हैं,
वहीं ओवैसी का तीसरा मोर्चा
मुस्लिम, दलित और पिछड़े वोट बैंक को नए सिरे से प्रभावित कर सकता है।
