IndiGo फ्लाइट संकट गहराया: DGCA की सख्त कार्रवाई, CEO–COO तलब, 3,900 से ज्यादा उड़ानें रद्द – पूरे घटनाक्रम की बड़ी पड़ताल

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo पिछले सात दिनों से भारी ऑपरेशनल संकट से जूझ रही है। लगातार उड़ानें रद्द होने के कारण हजारों यात्री हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं। अब यह मामला इतना गंभीर हो चुका है कि DGCA (डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने इंडिगो के टॉप मैनेजमेंट—CEO और COO—को सीधे तलब कर लिया है।

DGCA का कड़ा रुख – CEO और COO को समन

DGCA ने इंडिगो के CEO और COO को मंगलवार सुबह 11 बजे पेश होने का नोटिस भेजा है।
नियामक ने साफ किया है कि:

  • पिछले 6 दिनों में 3,900 उड़ानों के रद्द होने का विस्तृत जवाब देना होगा।
  • यदि इंडिगो ऑपरेशन सामान्य नहीं कर पाती तो एयरलाइन के अतिरिक्त रूट कम किए जा सकते हैं।
    इसका सीधा मतलब है कि इंडिगो की उड़ाने कम होंगी और इसकी मार्केट क्षमता पर बड़ा असर पड़ेगा।

यह पहली बार है जब किसी एयरलाइन पर इतने बड़े पैमाने पर रद्दीकरण को लेकर इतनी सख्ती दिखाई गई है।

 आज भी 450+ उड़ानें रद्द – संकट कम होने के बजाय बढ़ता दिखा

संकट का सातवां दिन भी भारी अव्यवस्था लेकर आया।

  • सिर्फ सोमवार को 450 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो गईं।
  • हजारों यात्री एयरपोर्ट पर फंसे रहे।
  • 2 दिसंबर से शुरू हुए इस संकट को कंपनी 10–15 दिसंबर तक सामान्य होने का दावा कर रही है।

DGCA पहले ही इंडिगो को शो-कॉज नोटिस दे चुका है और अब यह अंतिम चेतावनी पर है।

जांच के लिए DGCA की 4-सदस्यीय हाई लेवल कमेटी

संकट की जड़ तक पहुंचने के लिए DGCA ने एक चार सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित की है।

यह समिति जांच करेगी:

  • क्रू प्लानिंग कैसे की गई?
  • नए FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) नियमों का पालन किया या नहीं?
  • क्या क्रू रोस्टरिंग में गड़बड़ी इंडिगो की आंतरिक खराब योजना का नतीजा है?

इस टीम में संयुक्त महानिदेशक संजय के. ब्रह्मणे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

 यात्रियों को अब तक 827 करोड़ का रिफंड

क्राइसिस के दौरान यात्रियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
सरकार ने बताया:

  • इंडिगो ने अब तक 827 करोड़ रुपए का रिफंड किया है।
  • सिर्फ 6 दिनों में 610 करोड़ लौटाए गए।
  • यात्रियों को राहत देने के लिए
    • 9,500 होटल कमरे

    • 10,000 कैब/बसें
      उपलब्ध कराई गईं।

यह दिखाता है कि समस्या बेहद बड़ी है, और इसका आर्थिक बोझ भी भारी है।

 उड्डयन मंत्री की चेतावनी – “इस बार कड़ी कार्रवाई होगी”

संसद में उड्डयन मंत्री रमेश मोहन नायडू ने कहा:

  • यह संकट “इंडिगो की आंतरिक योजना और क्रू रोस्टरिंग की विफलता” है।
  • जांच पूरी होने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।
  • सरकार चाहती है कि यह मामला बाकी एयरलाइनों के लिए मिसाल बने।

मंत्री ने इंडिगो के टॉप मैनेजमेंट को भी फटकार लगाई है।

इस संकट की असली वजह क्या मानी जा रही है?

मुख्य कारण माना जा रहा है:

  • नए FDTL नियम, जिनमें
  • पायलट्स के विश्राम समय बढ़ाए गए
  • रात की उड़ानों पर सीमाएं तय की गईं
  • इंडिगो की ओर से समय पर नए नियमों के मुताबिक
    क्रू की नियुक्ति और रोस्टरिंग नहीं हो पाई

इन्हीं कारणों से अचानक क्रू की भारी कमी हुई और उड़ानें ठप पड़ गईं।

निष्कर्ष

इंडिगो का यह संकट सिर्फ एक एयरलाइन की समस्या नहीं बल्कि भारत के एविएशन सेक्टर की संरचना पर भी सवाल उठाता है।
DGCA की सख्त कार्रवाई से संकेत मिलते हैं कि आने वाले दिनों में:

  • इंडिगो पर दंड लग सकता है,
  • रूट घटाए जा सकते हैं,
  • और एयरलाइन का ऑपरेशनल ढांचा पुनर्गठित किया जा सकता है।

फिलहाल यात्रियों की परेशानी जारी है और पूरी देश की निगाह DGCA की आगामी कार्रवाई पर टिकी है।

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