बांग्लादेशी एक्ट्रेस शांता पॉल को फर्जी दस्तावेजों के साथ कोलकाता से गिरफ्तार, दो आधार और वोटर कार्ड भी बरामद

बांग्लादेश की एक उभरती हुई एक्ट्रेस शांता पॉल को कोलकाता पुलिस ने एक चौंकाने वाले मामले में गिरफ्तार किया है। शांता पर आरोप है कि वह पिछले कई महीनों से भारत में अवैध रूप से रह रही थीं और भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रही थीं। पुलिस को जांच के दौरान शांता के पास से दो आधार कार्ड, एक भारतीय वोटर आईडी और एक राशन कार्ड भी मिला है — जो इस बात की पुष्टि करता है कि उसने भारत में अवैध रूप से पहचान स्थापित करने की पूरी कोशिश की थी।

कैसे हुआ खुलासा:

शांता पॉल ने 2024 के अंत में कोलकाता के जादवपुर इलाके में एक अपार्टमेंट किराए पर लिया था। वह एक पुरुष साथी के साथ रह रही थीं। स्थानीय पुलिस को उनके खिलाफ एक गुप्त शिकायत मिली, जिसके आधार पर जांच शुरू की गई। जब पुलिस ने उनके अपार्टमेंट पर छापा मारा और दस्तावेज़ों की जांच की, तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।

क्या-क्या बरामद हुआ:

  • दो भारतीय आधार कार्ड – जिनमें से एक कोलकाता के पते पर और दूसरा बर्धमान जिले के पते पर रजिस्टर्ड था।
  • एक भारतीय वोटर आईडी कार्ड
  • एक राशन कार्ड
  • बांग्लादेशी पासपोर्ट
  • बांग्लादेशी सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड का एडमिट कार्ड

ये सारे दस्तावेज यह साबित करते हैं कि शांता पॉल बांग्लादेश की नागरिक हैं लेकिन भारत में खुद को भारतीय नागरिक दिखाने के लिए फर्जी आईडेंटिटी डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल कर रही थीं।

पूछताछ में क्या बताया शांता ने:

पुलिस की पूछताछ में शांता पॉल कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सकीं कि उन्होंने आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज कैसे प्राप्त किए। इसके अलावा, वे भारत में रहने के लिए कोई वैध वीजा या ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स भी नहीं दिखा सकीं। यही वजह रही कि पुलिस ने उन्हें तत्काल हिरासत में ले लिया।

पुलिस की अगली कार्रवाई:

कोलकाता पुलिस अब मामले की तह तक पहुंचने के लिए विभिन्न एजेंसियों से संपर्क कर रही है, जैसे:

  • UIDAI से पूछा जाएगा कि आधार कार्ड कैसे जारी हुआ।
  • भारत निर्वाचन आयोग से वोटर आईडी कार्ड के सत्यापन की मांग।
  • पश्चिम बंगाल खाद्य विभाग से राशन कार्ड की पुष्टि।

इसके अलावा, पुलिस यह भी पता लगा रही है कि क्या इस पूरे मामले में कोई लोकल नेटवर्क या दलाल शामिल है जो विदेशी नागरिकों को फर्जी भारतीय दस्तावेज बनवाकर देता है।

बड़ा सवाल:

यह मामला न सिर्फ शांता पॉल पर सवाल खड़े करता है, बल्कि भारत की पहचान प्रणाली (आधार, वोटर कार्ड) और उसकी निगरानी व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या ये सिस्टम इतने कमजोर हैं कि कोई विदेशी नागरिक दो-दो आधार कार्ड बनवा सकता है और महीनों तक किसी को खबर तक न हो?