मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के गांधी नगर स्थित शासकीय महात्मा गांधी विद्यालय की है, जो फिलहाल सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें चौथी कक्षा में पढ़ाने वाली एक महिला शिक्षिका अपने ही छात्र से कक्षा में पैर दबवाती हुई दिखाई दे रही हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना लंच ब्रेक के बाद की है। उस समय स्कूल की अधिकांश कक्षाओं में बच्चे चुपचाप पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन चौथी कक्षा में कुछ अलग ही नजारा था। इस कक्षा में बच्चे ज़मीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं, और यह स्कूल की इकलौती ऐसी कक्षा है जहां कुर्सी-मेज़ की व्यवस्था नहीं है। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि शिक्षिका एक कुर्सी पर बैठी हैं, उनका एक पैर दूसरी कुर्सी पर टिका हुआ है और एक छोटा बच्चा उनके पैर की मालिश कर रहा है।
वीडियो के सामने आने के बाद शिक्षिका ने सफाई दी कि उनका पैर कक्षा के बाहर गड्ढे में मुड़ गया था और बच्चा केवल उनकी मदद के लिए पैर को दबा रहा था। उन्होंने दावा किया कि यह ‘पैर की मालिश’ नहीं थी, बल्कि दर्द कम करने में बच्चे ने सहयोग किया। हालांकि, वीडियो में जो दृश्य दिख रहे हैं, वे इस स्पष्टीकरण पर सवाल खड़े करते हैं, क्योंकि बच्चा लगातार उनके पैर को दबाता नजर आ रहा है।
स्कूल प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे हुए है और कोई आधिकारिक बयान नहीं दे रहा। वहीं, शिक्षा विभाग से भी अभी तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली है। यह घटना शिक्षक-छात्र संबंधों में पेशेवर आचरण और मर्यादा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। कई लोग इसे बच्चों के साथ अनुचित व्यवहार मान रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे केवल एक मानवीय मदद की घटना बता रहे हैं।
कुल मिलाकर, यह मामला सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के पेशेवर रवैये, नैतिक जिम्मेदारियों और कक्षा में आचरण के मानकों पर बहस को जन्म दे रहा है।
