चलती ट्रेन से यात्री को फेंकने की कोशिश: आरपीएफ अधिकारी पर गंभीर आरोप, सोशल मीडिया पर भड़का गुस्सा

भारतीय रेलवे की सुरक्षा में तैनात रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) के एक अधिकारी पर चलती ट्रेन से एक यात्री को फेंकने की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगा है। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद देशभर में आक्रोश की लहर दौड़ गई है।घटना का विवरणवीडियो में देखा जा सकता है कि एक युवक, जो allegedly बिना टिकट के यात्रा कर रहा था, को आरपीएफ के एक अधिकारी द्वारा ट्रेन के खुले दरवाजे की ओर धकेलते हुए दिखाया गया है। यात्री को अधिकारी द्वारा कई बार थप्पड़ मारे गए और उसे ट्रेन से बाहर फेंकने की कोशिश की गई। वीडियो में अन्य यात्री अधिकारी को रोकने की कोशिश करते हुए सुनाई दे रहे हैं, लेकिन अधिकारी ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया।
X USER- “लड़का बिना टिकट के यात्रा कर रहा है तो जुर्माना कर दो!! या हमेशा की तरह रिश्वत लेकर सलटा दो!! या फिर अगले स्टेशन पर उतार दो!! मगर चलती ट्रेन से फेंकने जैसी हरक़त क्यों? वर्दी पहने हो तो ख़ुदा हो गए क्या?” इस पोस्ट को हजारों बार रीट्वीट और लाइक किया गया है, और यूजर्स ने रेल मंत्रालय और आरपीएफ से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।रेल मंत्रालय और आरपीएफ की प्रतिक्रियारेल मंत्रालय और आरपीएफ की ओर से अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, कुछ यूजर्स ने बताया कि रेलवे ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषी अधिकारी को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है।विशेषज्ञों की रायरेलवे विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं रेलवे पुलिस की ट्रेनिंग और जवाबदेही की कमी को दर्शाती हैं। एक रिटायर्ड रेलवे अधिकारी ने कहा, “आरपीएफ का मकसद यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, न कि उन्हें धमकाना या शारीरिक नुकसान पहुंचाना। ऐसी घटनाएं रेलवे की छवि को धूमिल करती हैं।”इससे पहले की घटनाएंयह पहली बार नहीं है जब रेलवे पुलिस पर इस तरह के आरोप लगे हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जहां आरपीएफ अधिकारियों पर यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार या हिंसा के आरोप लगे हैं। इन घटनाओं ने रेलवे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
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