उत्तर प्रदेश के झांसी में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जिले के किशोरपुरा गांव में 13 अगस्त को एक कुएं से महिला के शरीर के टुकड़े बरामद हुए थे। सिर और पैर कटे होने की वजह से पहचान मुश्किल थी, लेकिन पुलिस ने लगातार जांच की और आखिरकार इस सनसनीखेज हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया।
झांसी पुलिस ने खुलासा किया कि यह लाश मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के गांव मैलवारा निवासी रचना यादव की थी। इस मामले में पुलिस ने महेवा गांव के पूर्व प्रधान संजय पटेल और उसके भतीजे संदीप पटेल को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, उनका तीसरा साथी प्रदीप उर्फ दीपक अभी फरार है।
🕵️ पुलिस की तफ्तीश और खुलासा
एसएसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि शव बरामद होने के बाद पुलिस ने आठ टीमों का गठन किया था। लगातार खोजबीन और डीएनए जांच के बाद महिला की पहचान हुई। पूछताछ और सबूतों के आधार पर सामने आया कि महिला की हत्या बेहद योजनाबद्ध तरीके से की गई थी।
💔 प्रेम संबंध और विवाद
पुलिस की जांच में सामने आया कि रचना यादव की दो शादियां हुई थीं, लेकिन दोनों रिश्ते असफल रहे। इसी दौरान उसकी मुलाकात पूर्व प्रधान संजय पटेल से हुई।
- मुकदमों की पैरवी में मदद करने के बहाने दोनों में नजदीकियां बढ़ीं और प्रेम संबंध बन गए।
- रचना संजय से पैसों की मांग करने लगी और शादी का दबाव भी डालने लगी।
- आए दिन के विवाद से तंग आकर संजय ने उसे रास्ते से हटाने का फैसला किया।
🩸 हत्या की खौफनाक वारदात
9/10 अगस्त की रात, संजय अपने भतीजे संदीप और साथी प्रदीप के साथ कार से रचना को ले गया।
- कार में ही गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई।
- इसके बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए वे किशोरपुरा गांव के एक कुएं पर पहुंचे।
- वहां फरसे से शव के 7 टुकड़े किए।
- तीन टुकड़े बोरे में भरकर कुएं में डाल दिए और बाकी चार टुकड़े रेवन नदी में फेंक दिए।
पुलिस ने मौके से सबूत जुटाए और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल तीसरा आरोपी प्रदीप फरार है, जिसकी तलाश जारी है।
⚖️ कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने पूर्व प्रधान संजय पटेल और भतीजे संदीप पटेल को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों से पूछताछ जारी है। वहीं फरार प्रदीप पर भी जल्द शिकंजा कसने की बात कही गई है।
🌍 समाज में सनसनी
यह वारदात न केवल झांसी, बल्कि पूरे प्रदेश में सनसनी का विषय बनी हुई है। एक ओर यह मामला प्रेम संबंधों की अंधेरी सच्चाई को उजागर करता है, वहीं दूसरी ओर यह सवाल उठाता है कि आखिर लोग इतने अमानवीय कदम क्यों उठा लेते हैं।
🔍 निष्कर्ष
झांसी का यह केस कानून-व्यवस्था, सामाजिक रिश्तों और मानवता – तीनों के लिए एक चेतावनी है। प्रेम संबंधों में विश्वास और मतभेद जब अपराध में बदलते हैं, तो उसके नतीजे कितने भयावह हो सकते हैं, यह घटना उसकी बानगी है।
