जापान की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह कदम सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) में गहराते विवाद और संभावित फूट से बचने के लिए उठाया।
क्यों दिया इस्तीफा?
- जुलाई में हुए ऊपरी सदन (हाउस ऑफ काउंसलर्स) चुनाव में LDP को करारी हार का सामना करना पड़ा।
- नतीजों के बाद पार्टी में “इशिबा को हटाओ आंदोलन” शुरू हो गया।
- कई वरिष्ठ नेताओं और सांसदों ने उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए।
- पार्टी टूटने से बचाने और एकजुटता बनाए रखने के लिए इशिबा ने पद छोड़ने का फैसला किया।
चुनावी हार से बढ़ा दबाव
- पिछले साल LDP का निचले सदन में प्रदर्शन 15 साल का सबसे खराब रहा था।
- इस बार ऊपरी सदन चुनाव में भी नतीजे निराशाजनक रहे।
- हार की जिम्मेदारी लेते हुए इशिबा ने पहले माफी मांगी थी और फिर इस्तीफा देने का संकेत दिया था।
इस्तीफे से पहले की स्थिति
- इशिबा ने शुरू में कहा था कि वह अमेरिका-जापान टैरिफ वार्ता के कारण अपने पद पर बने रहेंगे।
- हाल ही में अमेरिका ने जापान पर टैरिफ को 25% से घटाकर 15% करने का निर्णय लिया था।
- इशिबा का तर्क था कि ऐसे महत्वपूर्ण दौर में नेतृत्व बदलना सही नहीं होगा, लेकिन पार्टी के अंदर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा था।
आगे क्या?
- NHK के मुताबिक, इशिबा के इस्तीफे के बाद LDP नई नेतृत्व व्यवस्था बनाने में जुट जाएगी।
- राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि पार्टी को अब ऐसे नेता की ज़रूरत है, जो आंतरिक कलह को रोक सके और जनता का भरोसा वापस दिला सके।
