नेपाल की नई अंतरिम सरकार पर पीएम मोदी का पहला संदेश: सुशीला कार्की को बधाई, भारत ने जताई पड़ोसी की समृद्धि की प्रतिबद्धता

नेपाल में नई अंतरिम सरकार के गठन के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है। पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की के अंतरिम प्रधानमंत्री बनने पर पीएम मोदी ने उन्हें बधाई दी और नेपाल के लोगों की शांति व समृद्धि के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।

पीएम मोदी की प्रतिक्रिया

शनिवार सुबह पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा:

“नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्रहण करने पर माननीय सुशीला कार्की जी को हार्दिक शुभकामनाएं। नेपाल के भाई-बहनों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए भारत पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”

पीएम मोदी का यह बयान नेपाल में बने नए राजनीतिक माहौल पर भारत की सकारात्मक प्रतिक्रिया माना जा रहा है।

🏛️ विदेश मंत्रालय का बयान

इससे पहले भारत के विदेश मंत्रालय ने भी देर रात आधिकारिक बयान जारी किया था। मंत्रालय ने कहा:

  • भारत नेपाल में नई अंतरिम सरकार के गठन का स्वागत करता है
  • भारत एक करीबी पड़ोसी के तौर पर हमेशा नेपाल के लोगों की भलाई और समृद्धि के लिए उसके साथ खड़ा रहेगा।
  • नई सरकार से नेपाल में शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

👩‍⚖️ सुशीला कार्की बनीं अंतरिम प्रधानमंत्री

  • सुशीला कार्की नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस रह चुकी हैं।
  • शुक्रवार रात राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई।
  • कार्की को छह महीने के भीतर आम चुनाव कराने का जिम्मा दिया गया है।
  • अपने पहले ही फैसले में उन्होंने प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया।

🔥 क्यों बना अंतरिम सरकार का रास्ता?

  • 8 और 9 सितंबर को नेपाल में जेनरेशन जेड विद्रोह भड़क उठा था।
  • बड़े पैमाने पर हुए विरोध-प्रदर्शनों के दबाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया।
  • प्रदर्शनकारी समूहों और काठमांडू के मेयर बालेन्द्र शाह ने सर्वसम्मति से सुशीला कार्की के नाम पर सहमति जताई।
  • राष्ट्रपति ने सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल और कार्की से चर्चा के बाद उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त करने का फैसला किया।

⚖️ भारत-नेपाल रिश्तों पर असर

नेपाल की नई सरकार के गठन पर भारत की यह त्वरित प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि नई राजनीतिक परिस्थितियों में भी भारत नेपाल के साथ अपने घनिष्ठ रिश्ते बनाए रखने और पड़ोसी देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए तैयार है।