बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव और हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। युवा छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद अब एक और सनसनीखेज वारदात सामने आई है। नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के वरिष्ठ छात्र नेता मोतलेब सिकदर को सोमवार को बदमाशों ने गोली मार दी। यह हमला खुलना शहर में उनके घर के पास किया गया, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना ऐसे समय पर हुई है, जब हादी की मौत के बाद पूरे बांग्लादेश में विरोध-प्रदर्शन, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इस ताजा हमले ने हालात को और ज्यादा तनावपूर्ण बना दिया है।
कब और कैसे हुआ हमला?
स्थानीय अख़बार डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना सोमवार सुबह करीब 11:45 बजे (स्थानीय समय) हुई।
सोनाडांगा मॉडल पुलिस थाने के प्रभारी रफीकुल इस्लाम ने बताया कि हमलावरों ने गाजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास मोतलेब सिकदर को निशाना बनाया और उनके सिर में गोली मार दी।
गोली लगते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई। सिकदर को तुरंत गंभीर हालत में खुलना मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया।
डॉक्टरों के अनुसार, राहत की बात यह है कि गोली कान के एक हिस्से से अंदर जाकर दूसरी तरफ से निकल गई, जिससे उनकी जान बच गई। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है और वे खतरे से बाहर हैं।
कौन हैं मोतलेब सिकदर?
मोतलेब सिकदर बांग्लादेश की उभरती राजनीतिक ताकत नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के प्रमुख छात्र नेताओं में गिने जाते हैं।
- उम्र: 42 वर्ष
- पद: एनसीपी खुलना मंडल प्रमुख
- निवास: शेखपारा पल्ली, सोनाडांगा (खुलना)
वे लंबे समय से छात्र राजनीति और सामाजिक आंदोलनों से जुड़े रहे हैं और खुलना क्षेत्र में पार्टी के एक मजबूत चेहरे माने जाते हैं। उनके ऊपर हुए इस हमले को पार्टी और समर्थक राजनीतिक साजिश के तौर पर देख रहे हैं।
उस्मान हादी की मौत से भड़की हिंसा
इस पूरे घटनाक्रम की जड़ शरीफ उस्मान हादी की हत्या को माना जा रहा है।
- 12 दिसंबर को हादी को बदमाशों ने गोली मार दी थी।
- हालत गंभीर होने पर उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां बाद में उनकी मौत हो गई।
हादी 2024 में हुए छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे और युवाओं के बीच उनकी गहरी पकड़ थी।
उनकी मौत की खबर फैलते ही बांग्लादेश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। गुस्साई भीड़ ने कई सरकारी और गैर-सरकारी इमारतों में आग लगा दी।
मीडिया दफ्तरों तक पहुंची हिंसा
हादी की मौत के बाद हुए प्रदर्शनों में हालात इस कदर बिगड़ गए कि
- देश के प्रमुख अख़बार प्रोथोम आलो
- और द डेली स्टार
के दफ्तरों पर भी हमला किया गया और आगजनी की घटनाएं सामने आईं।
इसके बाद से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और पुलिस लगातार शांति की अपील कर रही है, लेकिन हिंसा की घटनाएं थम नहीं रही हैं।
राजनीतिक माहौल और सुरक्षा पर सवाल
मोतलेब सिकदर पर हुआ हमला इस बात का संकेत है कि बांग्लादेश में छात्र राजनीति और सियासी संघर्ष अब जानलेवा मोड़ ले चुका है।
एक के बाद एक नेताओं पर हो रहे हमले ने
- कानून-व्यवस्था
- नेताओं की सुरक्षा
- और अभिव्यक्ति की आज़ादी
पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
