रूस का यूक्रेन पर भीषण हमला: 100 ड्रोन और 150 ग्लाइड बम दागे, अमेरिका देगा जेलेंस्की को हथियार

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। मंगलवार को रूसी सेना ने यूक्रेन के जपोरिजिया शहर समेत कई इलाकों पर 100 से अधिक ड्रोन और करीब 150 ग्लाइड बम दागे। इन हमलों में दर्जनों इमारतें तबाह हुईं, आगजनी हुई और कई निर्दोष नागरिक मारे गए या घायल हो गए।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने दावा किया कि बीते दो हफ्तों में रूस ने 3,500 से अधिक ड्रोन, 2,500 शक्तिशाली ग्लाइड बम और लगभग 200 मिसाइलें यूक्रेन के अंदर दागी हैं। उन्होंने यूरोप से अपील की कि संयुक्त बहुस्तरीय एयर डिफेंस सिस्टम तुरंत लागू किया जाए, ताकि नागरिकों की सुरक्षा की जा सके।

इस बीच, यूक्रेन ने भी पलटवार किया और रूस के सारातोव क्षेत्र में स्थित तेल रिफाइनरी को निशाना बनाया। वहीं, जमीनी मोर्चे पर दबाव बढ़ने के चलते यूक्रेन ने अपनी दो वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को हटा दिया है।

हमलों में जपोरिजिया शहर में एक व्यक्ति की मौत और 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें चार बच्चे भी शामिल हैं। मायकोलाइव क्षेत्र में भी एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है।

दूसरी ओर, अमेरिका ने यूक्रेन को हथियार सहायता फिर से शुरू करने का फैसला किया है। ट्रंप प्रशासन ने 50 करोड़ डॉलर मूल्य के हथियारों के दो शिपमेंट को मंजूरी दी है। यह सहायता एक नई वित्तीय व्यवस्था के तहत दी जाएगी, जिसमें नाटो देशों की धनराशि का उपयोग अमेरिकी भंडार से हथियार खरीदने और यूक्रेन भेजने में किया जाएगा।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा कि “जेलेंस्की को समझौता करना होगा” ताकि यह युद्ध खत्म हो सके। उन्होंने यूरोप को रूस से तेल खरीदना बंद करने की नसीहत दी और दोनों पक्षों को संघर्ष के लिए जिम्मेदार ठहराया।

👉 यह साफ है कि रूस-यूक्रेन युद्ध सिर्फ दोनों देशों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब वैश्विक राजनीति और ऊर्जा सुरक्षा को भी प्रभावित कर रहा है।