उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में मंगलवार को NEET की तैयारी कर रहे छात्र दीपक गुप्ता की संदिग्ध मौत ने पूरे इलाके को दहला दिया। शुरुआती अफवाहें थीं कि दीपक को गोली मारकर हत्या की गई है, लेकिन SSP राजकरण नैय्यर ने स्पष्ट किया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के पहले ही जांच में गोली चलने की बात झूठी निकली है।
🚨 क्या है पूरा मामला?
- घटना पिपराइच थाना क्षेत्र के एक गांव की है।
- रात 3 बजे दो गाड़ियों में आए पशु तस्कर गांव में दाखिल हुए।
- एक गाड़ी कीचड़ में फंस गई तो तस्कर दूसरी गाड़ी से भागने लगे।
- इसी दौरान गांव का युवक दीपक गुप्ता (NEET स्टूडेंट) तस्करों का पीछा करने लगा।
- पुलिस के मुताबिक, तस्करों ने दीपक को गाड़ी में खींच लिया और कुछ दूरी पर उसे गाड़ी से धक्का दे दिया।
- गिरने से दीपक के सिर में गंभीर चोट आई और उसकी मौत हो गई।
👮 SSP की सफाई
- गोली चलने की बात अफवाह है, शव पर गनशॉट इंजरी नहीं मिली।
- सिर पर लगी चोट ही मौत की वजह मानी जा रही है।
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्थिति पूरी तरह साफ होगी।
- मामले की जांच के लिए 5 पुलिस टीमें गठित की गई हैं।
- एक पशु तस्कर ग्रामीणों के हाथ चढ़ा, जिसे पीटने से चोट आई और उसका इलाज कराया जा रहा है।
🪧 ग्रामीणों का गुस्सा और पथराव
दीपक की मौत की खबर फैलते ही ग्रामीण भड़क उठे और पुलिस पर पथराव कर दिया। हालात बिगड़ने पर प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
🏛 CM योगी का संज्ञान
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का तुरंत संज्ञान लिया।
- अधिकारियों को तुरंत मौके पर पहुंचने और हालात काबू करने का आदेश दिया।
- पीड़ित परिवार से संवाद करने और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
- देर रात तक DM, SSP, IG और अन्य अधिकारी गांव में डटे रहे।
📌 निष्कर्ष
गोरखपुर की यह वारदात न सिर्फ पशु तस्करी के संगठित नेटवर्क पर सवाल खड़े करती है, बल्कि ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ाती है। SSP ने साफ किया कि मौत का कारण गोली नहीं बल्कि सिर पर लगी चोट है। परिजनों और ग्रामीणों की मांग है कि तस्करों को जल्द गिरफ्तार कर उदाहरणात्मक सजा दी जाए।