लखनऊ। नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कड़ा रुख अपनाते हुए नगर निगमों की लेटलतीफी और अव्यवस्था पर जमकर नाराज दिखे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अवस्थापना मद से मिलने वाले बजट का समय पर उपयोग न होने और प्रॉजेक्ट्स में अनावश्यक देरी होने पर मेयरों के अधिकारों पर पुनर्विचार किया जाएगा।
सीएम ने सभी नगर निगमों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि तय समयसीमा में कार्य पूरे नहीं हुए तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय है। इसके साथ ही उन्होंने ईईएसएल का बकाया भुगतान तुरंत करने का आदेश भी दिया।
मेयर और नगर आयुक्तों के बीच विवाद पर गुस्सा
सूत्रों के अनुसार, लखनऊ समेत कई नगर निगमों में मेयर और नगर आयुक्तों के बीच सहमति न बनने और भुगतान में देरी की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। अवस्थापना मद के बजट से होने वाले कार्य समय पर पूरे न होने से विकास योजनाओं की रफ्तार पर असर पड़ा है। सीएम योगी की यह टिप्पणी ऐसे हालात में बेहद अहम मानी जा रही है।
सड़क मरम्मत और कार्ययोजना पर फोकस
बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि 2,750 किमी सड़कों की मरम्मत और रेस्टोरेशन का काम तय किया गया है।
- ग्रामीण विकास विभाग: 62.99% प्रगति
- नगर विकास विभाग: 35.50% प्रगति
- अवसंरचना व औद्योगिक विकास विभाग: 48.77% प्रगति
सीएम योगी ने 30 सितंबर तक कार्ययोजना सौंपने का निर्देश लोक निर्माण विभाग (PWD) को दिया।
दशहरा-छठ तक गड्ढामुक्त सड़कें
सीएम ने स्पष्ट कहा कि मानसून से खराब हुई सभी सड़कें दशहरा और छठ पूजा से पहले पूरी तरह दुरुस्त कर दी जाएं। चाहे वह ग्रामीण इलाकों की गलियां हों या हाईवे-एक्सप्रेसवे, हर जगह गड्ढों को भरा जाएगा ताकि त्योहारों के दौरान लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।
नेपाल तक जुड़ेगा यूपी
सीएम ने उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर की रूपरेखा पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यूपी में ज्यादातर एक्सप्रेसवे और राजमार्ग पूर्व-पश्चिम दिशा में हैं। अब जरूरत है कि नेपाल सीमा से लेकर प्रदेश के दक्षिणी जिलों तक का नेटवर्क तैयार किया जाए।
गड्ढामुक्त अभियान के आंकड़े
- यूपी की कुल सड़कें: 6,78,301
- कुल लंबाई: 4,32,989 किमी
- लक्ष्य: 44,196 किमी गड्ढामुक्त करना
सीएम ने एनएचएआई, मंडी परिषद, पीडब्ल्यूडी, ग्राम विकास, पंचायती राज, सिंचाई और गन्ना विभाग समेत तमाम विभागों की समीक्षा की और लापरवाही बरतने वाले अफसरों को चेतावनी दी।