तेजस्वी यादव महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार घोषित, मुकेश सहनी होंगे डिप्टी — गहलोत बोले, NDA बताए अब उसका नेता कौन?

बिहार की राजनीति में आज बड़ा दिन रहा। महागठबंधन ने आखिरकार अपने मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा कर दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पटना में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलान किया कि तेजस्वी यादव आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।

इसके साथ ही गहलोत ने यह भी बताया कि विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम पद का चेहरा बनाया जाएगा। उन्होंने संकेत दिया कि सरकार बनने पर पिछड़े वर्गों से एक या दो और नेताओं को भी उपमुख्यमंत्री पद दिया जा सकता है।

🧩 महागठबंधन में सहमति, खींचतान पर लगा विराम

महागठबंधन के भीतर पिछले कुछ हफ्तों से सीएम फेस को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। कांग्रेस और आरजेडी के बीच लगातार बैठकों का दौर चल रहा था। अशोक गहलोत के इस ऐलान के साथ अब ये खींचतान खत्म होती दिख रही है। उन्होंने कहा,

“हम लोकप्रिय, युवा और ऊर्जावान नेता तेजस्वी यादव को सीएम पद का चेहरा घोषित करते हैं। मुकेश सहनी जी को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। हमारा उद्देश्य है कि बिहार के विकास में हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित हो।”

🔥 गहलोत का NDA पर वार — “अब आप बताइए आपका नेता कौन?”

गहलोत ने घोषणा के बाद एनडीए पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा और जदयू गठबंधन अभी तक अपने नेता का नाम तय नहीं कर सके हैं।

“हमने अपना नेता घोषित कर दिया है। अब एनडीए बताए कि उनका सीएम कौन होगा? अमित शाह कहते हैं कि संसदीय दल तय करेगा — इसका मतलब है कि वे खुद कन्फ्यूज हैं,”
गहलोत ने कहा।

उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा अक्सर चुनाव से पहले एक चेहरे के नाम पर प्रचार करती है और नतीजे आने के बाद “खेल” बदल देती है।

🎙️ तेजस्वी यादव का बयान — “अब बताइए भाजपा, आपका चेहरा कौन है?”

तेजस्वी यादव ने भी इस मौके पर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है।

“पटना में बड़े उद्योगपतियों को गोली मार दी जाती है। सचिवालय के बाहर, मुख्यमंत्री आवास के पास, यहां तक कि मेरे घर के बाहर गोलियां चलीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह सरकार नाकाम है और इसके पास कोई विजन नहीं है,”
तेजस्वी ने कहा।

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा अब तक कोई मेनिफेस्टो तक जारी नहीं कर सकी है, जबकि महागठबंधन जनता के मुद्दों पर स्पष्ट एजेंडा रखता है।

🧠 “240 पर लाकर छोड़ा था, अब बिहार की बारी है” — गहलोत

अशोक गहलोत ने कांग्रेस और विपक्ष की राष्ट्रीय रणनीति का भी जिक्र किया।

“हमने लोकसभा चुनाव में भाजपा को 400 का नारा देने वालों को 240 पर लाकर छोड़ा। अब बिहार में जनता बदलाव के मूड में है। राहुल गांधी की यात्राओं में बिहार की जनता ने जो समर्थन दिया, वह बदलाव का संकेत है।”

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है, आलोचना करने वालों को जेल भेजा जा रहा है। “जो सत्ता में हैं, वे लोकतंत्र का केवल मुखौटा पहनते हैं।”

⚖️ चुनाव आयोग और सत्ता पर तीखा हमला

गहलोत ने चुनाव आयोग पर भी गंभीर आरोप लगाए।

“मैं 50 साल से राजनीति में हूं, लेकिन ऐसा बदतमीज चुनाव आयोग कभी नहीं देखा। विपक्ष के पत्रों का जवाब भी तिरस्कार भरी भाषा में दिया जाता है। क्या भारत भी रूस और चीन की तरह एकतरफा चुनाव व्यवस्था चाहता है?”
उन्होंने कहा कि भाजपा धनबल और झूठे वादों के सहारे चुनाव जीतना चाहती है।

🔔 राजनीतिक समीकरण — क्या होगा असर?

इस घोषणा से महागठबंधन में स्पष्टता आई है। आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी और वाम दल अब एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरेंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी यादव का युवा चेहरा और मुकेश सहनी का पिछड़ा वर्ग प्रतिनिधित्व, बिहार में एक संतुलित समीकरण बना सकता है।
अब निगाहें एनडीए की ओर हैं — जो अब तक अपने “सीएम फेस” को लेकर मौन है।