लखनऊ रैली में मायावती का शक्ति प्रदर्शन: सपा-कांग्रेस पर तीखा हमला, 2027 में ‘पूर्ण बहुमत’ की सरकार बनाने का ऐलान

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो और चार बार की मुख्यमंत्री मायावती ने बुधवार को लखनऊ में कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर एक विशाल रैली कर अपनी राजनीतिक सक्रियता का बिगुल फूंक दिया। रैली में मायावती ने न केवल सपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा, बल्कि योगी सरकार की मरम्मत कार्यों को लेकर प्रशंसा भी की। साथ ही उन्होंने 2027 में फिर से बसपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने का आह्वान किया।

🔹 योगी सरकार की तारीफ, सपा पर वार

मायावती ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि कुछ वर्षों से मरम्मत कार्य न होने के कारण मान्यवर कांशीराम जी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि नहीं अर्पित कर पा रहे थे, लेकिन अब योगी सरकार ने यह कार्य पूरा करवाया है।
उन्होंने कहा —

“सपा की सरकार में इन स्थलों की हालत जर्जर हो गई थी। हमने जो टिकट से आने वाली आय रख-रखाव के लिए तय की थी, सपा ने उसका एक पैसा भी खर्च नहीं किया। योगी सरकार ने मरम्मत कराई, इसके लिए मैं आभार प्रकट करती हूं।”

🔹 ‘सत्ता में रहते PDA क्यों नहीं याद आया?’

मायावती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखा प्रहार करते हुए कहा —

“जब सपा सत्ता में थी, तब इन्हें हमारे गुरु, संत और महापुरुष याद नहीं आए। अब विपक्ष में हैं तो PDA की बात कर रहे हैं। सत्ता में रहते क्यों नहीं याद आया PDA?”

उन्होंने यह भी कहा कि बसपा सरकार में बने कांशीराम नगर जिले का नाम सपा ने सत्ता में आते ही बदल दिया था।

🔹 ‘हमने अपने महापुरुषों को दिया पूरा सम्मान’

बसपा प्रमुख ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले, नारायण गुरु और डॉ. भीमराव आंबेडकर जैसे महापुरुषों को बसपा सरकार ने पूरा सम्मान दिया, लेकिन “जातिवादी पार्टियों को यह रास नहीं आया।”
उन्होंने कहा —

“सपा अब PDA के नाम पर बरगलाने का काम कर रही है। इनके शासन में दलित और पिछड़े वर्गों का सबसे अधिक शोषण हुआ।”

🔹 कांशीराम के सपने को हमने पूरा किया

मायावती ने कहा कि कांशीराम का सपना था कि दलित और पिछड़े वर्ग एकजुट होकर अपनी बहुमत की सरकार बनाएं
उन्होंने कहा —

“कांशीराम के निधन के बाद मैंने उनकी दिली तमन्ना को पूरा किया। 2007 में पहली बार बसपा ने अकेले पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई।”

🔹 कांग्रेस पर भी तीखा हमला

मायावती ने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा —

“कांग्रेस ने हमारी छवि खराब करने के लिए गलत मामलों में फंसाने की कोशिश की। डॉ. आंबेडकर को भारत रत्न देने में भी कांग्रेस ने देर की। कांशीराम के निधन पर एक दिन का राजकीय शोक तक घोषित नहीं किया गया।”

उन्होंने याद दिलाया कि मंडल कमीशन की रिपोर्ट भी कांग्रेस ने लागू नहीं की, बल्कि बसपा के दबाव में वी.पी. सिंह सरकार ने इसे लागू किया था।

🔹 ‘दलित वोट बांटने की साजिश कर रहे विरोधी दल’

मायावती ने दावा किया कि विरोधी पार्टियां बसपा को रोकने के लिए “दलित समाज में फूट डालने की साजिश” कर रही हैं।

“बिकाऊ लोगों के संगठन बनवाकर हमारे वोट बांटने की कोशिश की जा रही है। लेकिन 2027 में हमे एकजुट रहकर अपनी सरकार बनानी है।”

🔹 ‘बीजेपी ने प्रमोशन में आरक्षण बिल लटकाया’

उन्होंने बीजेपी पर भी हमला बोला और कहा —

“बीजेपी सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण बिल संसद में लटका रखा है। सपा को तो इतनी नफरत थी कि उसने इस बिल की कॉपी ही फाड़ दी थी।”

🔹 ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ का मंत्र

मायावती ने कहा कि बसपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो बाबा साहब के संविधान को बचा सकती है।
उन्होंने 2027 चुनाव के लिए मंत्र दिया —

“2007 की तरह छोटे-छोटे स्तर पर बैठकों के जरिए ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की नीति बतानी होगी। यही रास्ता हमें फिर से सत्ता तक ले जाएगा।”

🔹 रैली में उमड़ा जनसैलाब

बसपा ने दावा किया कि पांच लाख से अधिक कार्यकर्ता इस रैली में शामिल हुए।
मायावती करीब तीन घंटे मंच पर रहीं, और उनके साथ मंच पर छह वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
मंच पर केवल सात कुर्सियां लगाई गई थीं — जिससे पार्टी की अनुशासित और नियंत्रित छवि दिखाने का संदेश दिया गया।

🟣 विश्लेषण: 2027 की तैयारी का आगाज

इस रैली से साफ है कि मायावती 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह एक्टिव हो गई हैं।
उन्होंने एक साथ तीनों प्रमुख दलों — बीजेपी, सपा और कांग्रेस — पर निशाना साधा, और खुद को “दलित-पिछड़े वर्गों की असली प्रतिनिधि” के रूप में पेश किया।
मायावती का फोकस अब संगठन को फिर से खड़ा करने और ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की विचारधारा को दोहराने पर है।