दिल्ली दौरे से बढ़ी अटकलें, पर JMM का बड़ा बयान: ‘BJP के साथ गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं’—झारखंड की सियासत में क्या चल रहा है?

झारखंड की राजनीति इन दिनों फिर से तेज़ सरगर्मी में है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अचानक दिल्ली दौरे के बाद यह अटकलें जोर पकड़ने लगीं कि क्या झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का संभावित सहयोगी बन सकता है? सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक अफवाहों का दौर तेज़ था, लेकिन अब JMM ने अपने रुख को साफ करते हुए इन कयासों को पूरी तरह खारिज कर दिया है।

अटकलों की शुरुआत कैसे हुई?

इस पूरे विवाद की जड़ बिहार विधानसभा चुनाव है।

  • बिहार चुनाव में महागठबंधन की ओर से JMM को एक भी सीट नहीं मिली।
  • जबकि, इसके उलट झारखंड विधानसभा चुनाव में JMM ने RJD को सीटें दी थीं।

इस सीट बंटवारे से JMM के भीतर नाराजगी साफ दिखी, और राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने इसे गठबंधन में बढ़ती खटपट का संकेत माना।
इस बीच, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन का दिल्ली जाना राजनीतिक अटकलों को और हवा देता रहा।

दिल्ली दौरे पर क्या कहा JMM ने?

JMM ने साफ कहा कि
“दिल्ली दौरा सिर्फ व्यक्तिगत था, इसका कोई राजनीतिक संबंध नहीं।”

झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने तो यहां तक कहा कि BJP हमेशा षड्यंत्र करती है, और इसी साजिशी राजनीति के तहत इस बार भी अफवाहें फैलाई जा रही हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा:
“झारखंड झुकेगा नहीं — यही तीन शब्द BJP के सारे भ्रम को खत्म कर देते हैं।”

JMM का संदेश साफ है—
न बीजेपी के साथ गठबंधन होगा, न कोई पर्दे के पीछे की डील।

BJP का जवाब: रिश्ता संभव ही नहीं

भाजपा ने भी इन अटकलों को अपने अंदाज में जवाब दिया।
भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा:
“BJP और JMM नदी नहीं, समुद्र के दो अलग-अलग किनारे हैं। दोनों का मेल असंभव है।”

साफ है, BJP भी अपनी वैचारिक दूरी को रेखांकित करते हुए किसी गठबंधन की संभावना को नकारती है।

कांग्रेस का आरोप: BJP भ्रम फैलाकर फायदा लेना चाहती है

महागठबंधन की तीसरी बड़ी पार्टी कांग्रेस ने इन कयासों पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि BJP भ्रम फैलाकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा:
“हेमंत सोरेन के BJP से हाथ मिलाने का सवाल ही नहीं। BJP के पास झारखंड में कोई सक्षम नेता नहीं है।”

कांग्रेस का मानना है कि BJP बिना आधार की बातों को हवा देकर राज्य की राजनीति अस्थिर दिखाना चाहती है।

दिल्ली दौरे का असली कारण क्या था?

जैसे ही हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन दिल्ली पहुंचे, अफवाहें फैलने लगीं कि उनकी मुलाकात “किसी बड़े BJP नेता” से हो सकती है।
लेकिन JMM ने स्पष्ट कहा कि यह निजी यात्रा थी।

CM अब लौट चुके हैं और

  • 4 दिसंबर को विधानसभा सत्र पर होने वाली सर्वदलीय बैठक
  • और उसके बाद सत्ता पक्ष की बैठक
    में भाग लेंगे।

राजनीतिक पृष्ठभूमि—इतना हंगामा क्यों?

हेमंत सोरेन की सरकार पिछले कुछ समय से कई राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रही है—

  • ED जांच
  • विपक्ष का हमला
  • गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे की खटास
    ऐसे में किसी भी हलचल को विपक्ष तुरंत मुद्दा बना देता है।

परंतु इस बार JMM ने अभूतपूर्व स्पष्टता दिखाते हुए सभी तरह की अटकलों को खत्म कर दिया है।

निष्कर्ष: झारखंड की सियासत में फिलहाल कोई ‘बड़ा उलटफेर’ नहीं

अब यह साफ है कि
✔ JMM–BJP गठबंधन की संभावना शून्य है
✔ JMM महागठबंधन के भीतर ही रहेगा
✔ BJP और JMM की वैचारिक दूरी इतनी गहरी है कि दोनों पक्ष स्वयं गठबंधन को नकार रहे हैं
✔ दिल्ली दौरे को लेकर फैली अफवाहों पर JMM ने कड़ी प्रतिक्रिया देकर माहौल साफ कर दिया

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