बिहार में सामने आए हिजाब विवाद के बाद अब यह मामला केवल सामाजिक नहीं, बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक बहस का रूप लेता जा रहा है। इस पूरे घटनाक्रम के बीच झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने बड़ा कदम उठाते हुए बिहार की महिला चिकित्सक डॉ. नुसरत परवीन को झारखंड में सरकारी नौकरी का प्रस्ताव दिया है।
🩺 क्या है पूरा मामला?
बिहार में एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत महिला डॉक्टर डॉ. नुसरत परवीन से जुड़े हिजाब विवाद ने देशभर में चर्चा पैदा की। इस घटना को लेकर महिला सम्मान, धार्मिक स्वतंत्रता और कार्यस्थल पर सुरक्षा जैसे सवाल खड़े हुए। इसी पृष्ठभूमि में झारखंड सरकार की ओर से यह ऑफर सामने आया है।
💼 क्या ऑफर दिया गया है?
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर डॉ. नुसरत परवीन झारखंड में नौकरी स्वीकार करती हैं, तो उन्हें:
- 💰 3 लाख रुपये तक मासिक वेतन
- 📍 मनचाही पोस्टिंग
- 🏠 सरकारी आवास
- 🛡️ सम्मान और पूरी सुरक्षा
प्रदान की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में डॉक्टरों की काबिलियत की कद्र की जाती है और महिला चिकित्सकों को पूरी इज्जत और सुरक्षित माहौल दिया जाता है।
🗣️ इरफान अंसारी का बयान
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि
“जहां बिहार में एक महिला डॉक्टर के साथ हिजाब खींचने जैसी शर्मनाक घटना सामने आती है, वहीं झारखंड में महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा की पूरी गारंटी है।”
उन्होंने इसे महिला सम्मान और कार्यस्थल की गरिमा से जोड़ते हुए कहा कि झारखंड ऐसा राज्य है जहां महिलाओं को डर के बिना काम करने का माहौल मिलता है।
📜 झारखंड सरकार की नीति क्या कहती है?
यह भी उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार पहले से ही:
- डॉक्टरों की नियुक्ति टेंडर प्रक्रिया के जरिए अनुबंध पर करती है
- इस व्यवस्था के तहत:
- 3 लाख रुपये तक मानदेय
- पसंदीदा स्थान पर पदस्थापन
जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। यानी डॉ. नुसरत को दिया गया ऑफर सरकार की मौजूदा नीति के तहत ही है।
⚖️ सियासी और सामाजिक संदेश
यह प्रस्ताव सिर्फ एक नौकरी का ऑफर नहीं, बल्कि:
- बिहार सरकार की व्यवस्था पर अप्रत्यक्ष सवाल
- महिला सम्मान और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर राजनीतिक संदेश
- और दो राज्यों की प्रशासनिक सोच की तुलना
के रूप में देखा जा रहा है।
🔍 निष्कर्ष
बिहार हिजाब विवाद ने अब राज्य की सीमाओं को पार कर लिया है। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री का यह कदम जहां डॉ. नुसरत परवीन के समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है, वहीं यह पूरे मामले को और ज्यादा राष्ट्रीय बहस में ले आया है। अब देखना यह होगा कि डॉ. नुसरत परवीन इस ऑफर पर क्या फैसला लेती हैं और आगे यह मामला किस दिशा में जाता है।
