7 मई को यूपी में बजेंगे ‘युद्ध के सायरन’, 19 जिलों को 3 इन कैटेगरी में बांटा गया, देश हित में 10 मिनट रखें अंधेरा

पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल पनपा हुआ है. 22 अप्रैल को आतंवादियों ने पहलमाग में 26 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी. इसी के बाद से भारत एक के बाद एक कड़े से कड़े एक्शन पाकिस्तान के खिलाफ ले रहा है. इसी बीच भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने देश के 100 सबसे ज्यादा जोखिम संभावित जिलों के अलावा 244 जिलों में मॉक ड्रिल करने का आदेश जारी किया है. इसी कड़ी में यूपी में भी बुधवार यानी 7 मई को मॉकड्रिल आयोजित होगी.

क्या होता है ब्लैक आउट
युद्ध के दौरान अक्सर दुश्मन देश की तरफ से हवाई हमले का प्रयास किया जाता है। ऐसे में इन हमलों से अपने इलाके के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों आवास, सड़क व नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए बिजली बंद की जाती है। इसी को ब्लैक आउट कहा जाता है। 1971 के बाद पहली बात इतने पड़े स्तर पर देश भर में मॉक ड्रिल और ब्लैक आउट अभ्यास की बात कही जा रही है।

ब्लैक आउट के समय क्या करें ?

  • अपने घरों पर ही रहें
  • हर स्थान की लाइट बंद रखें
  • भगदड़ की स्थिति पैदा नहीं होने दें
  • ब्लैक आउट के दौरान धूम्रपान न करें
  • माचिस, मोबाईल, टार्च, फ्लैश न इस्तेमाल करें
  • अगर प्रकाश बाहर निकले तो वहां काला कागज लगाएं
  • सड़क पर चलने वाले वाहनों की लाइट बंद रखें या रुक जाएं
  • सिविल डिफेंस के वार्डनों की मदद अपने क्षेत्र में करें
  • सायरन दो मिनट लगातार ऊंची आवास में बजे तो बचाव कार्य में जुटें

डीजीपी प्रशांत कुमार ने क्या बताया?
यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने मंगलवार को बताया, “हमें सात मई को मॉक ड्रिल को लेकर केंद्र सरकार से निर्देश मिले हैं. (ड्रिल के लिए राज्य के) उन्नीस जिलों की पहचान की गई है.’ उन्होंने कहा कि इन जिलों को विभिन्न श्रेणियों में रखा गया है.

डीजीपी ने कहा, “इन 19 में से एक जिले को ‘ए’ श्रेणी में, दो को ‘सी’ श्रेणी में और बाकी को ‘बी’ श्रेणी में रखा गया है. हालांकि, स्थानीय संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि आपातकालीन स्थिति में एकीकृत प्रतिक्रिया के लिए नागरिक और पुलिस प्रशासन, अग्निशमन सेवाओं और आपदा प्रतिक्रिया बल सहित सभी कार्यक्षेत्रों में एक संयुक्त अभ्यास किए जाएं.”

यूपी के कौनसे जिले 3 कैटगरी में बांटे गए?
बता दें कि साल 2010 का गृह मंत्रालय का एक नोटिफिकेशन सामने आया है, जिसमें जिलों को 3 कैटेगरी में बांटा गया था. इस नोटिफिकेशन में यूपी के 19 जगहों का जिक्र है. इसमें A श्रेणी में बुलंदशहर के नरोरा को रखा गया है. नरोरा को इसलिए A श्रेणी में रखा गया है क्योंकि यहां अटॉमिक पावर प्लांट है. इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर नरोरा अति संवेदनशील इलाकों में आता है. B कैटगरी में आगरा, प्रयागराज, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, मथुरा, मुरादाबाद, सहारनपुर, वाराणसी, बक्शी का तालाब, पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर और सरवासा को रखा गया है. वहीं, C कैटेगरी में बाग्मत और मुजफ्फरनगर शामिल हैं.

लोगों के मन में आ रहे ये सवाल
इधर लोगों के मन में इस बात को लेकर जिज्ञासा है कि War मॉक ड्रिल में होगा क्या? लोगों को किस तरह से अलर्ट रहना होगा. लोग ये भी सवाल पूछ रहे हैं कि क्या 7 मई को ऑफिस जाना होगा या घर रहना होगा? स्कूल खुले रहेंगे या बंद होंगे? पब्लिक को इस मॉक ड्रिल में कैसे हिस्सा लेना होगा? आइये आपको इन्हीं सब सवालों के विस्तार से जबाव देते हैं.

क्या होगा मॉक ड्रिल में?

1. हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन

  • खुद को हवाई हमले के सायरन की आवाजों से परिचित कराएं.
  • जैसे-अलर्ट के लिए लंबी आवाज, सब कुछ ठीक होने के लिए छोटी आवाज.
  • निकटतम आश्रय स्थानों की पहचान करें, जैसे कि बेसमेंट, भूमिगत कार पार्क कोई बताया गया सुरक्षित क्षेत्र.
  • एक बुनियादी आपातकालीन किट तैयार रखें, जिसमें ये चीचें शामिल हों.
  • इसमें अतिरिक्त बैटरी के साथ टॉर्च हो. पानी की बोतलें हों, नष्ट न होने वाले खाद्य पदार्थ हों.
  • इसमें प्राथमिक चिकित्सा किट भी हो.

इस मॉक ड्रिल के दौरान क्या करें?

  • तुरंत बाहरी गतिविधियां बंद करें और निकटतम आश्रय स्थल की ओर बढ़ें.
  • जब तक आवश्यक न हो, फोन का उपयोग करने से बचें ताकि आपात स्थिति के लिए संचार लाइनें खुली रहें.
  • क्षेत्र में मौजूद अधिकारियों या वार्डन के निर्देशों का पालन करें.

इस मॉक ड्रिल के दौरान क्या न करें?

  • सायरन की आवाज को नजरअंदाज न करें. ये न समझें कि ये महत्वहीन है.
  • घबराने या अनावश्यक हंगामा करने से बचें.

2. नागरिक और छात्र प्रशिक्षण

  • मॉक ड्रिल से पहले आयोजित कम्युनिटी ट्रेनिंग के सेशन में हिस्सा लें.
  • बच्चों को आपातकालीन प्रतिक्रिया की मूल बातें सिखाएं, जैसे- नीचे झुकना और अपने सिर को ढकना वगैरह.
  • घर, स्कूल या पड़ोस में सुरक्षित स्थानों की पहचान करना.
  • मामूली चोटों का इलाज या सीपीआर जैसी प्राथमिक चिकित्सा तकनीकों का अभ्यास करें.

इस ड्रिल के दौरान क्या करें?

  • प्रशिक्षकों द्वारा दिए गए निर्देशों में सक्रिय रूप से भाग लें और उनका पालन करें.
  • सुनिश्चित करें कि अभ्यास के सभी चरणों में बच्चों और बुजुगों को शामिल किया जाए.

इस मॉक ड्रिल के दौरान क्या न करें?

  • बच्चे या खुद के लिए इन अभ्यासों के महत्व को नजरअंदाज न करें.
  • यह न मानें कि दूसरे आपकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेंगे.

3. क्रैश ब्लैकआउट उपाय

  • सभी खिड़कियों पर मोटे ब्लैकआउट पर्दे या ब्लाइंड्स लगाएं.
  • ब्लैकआउट के दौरान अपने घर को बिना रोशनी के काम करने के लिए तैयार करें.
  • गहरे रंग के कपड़े या कार्डबोर्ड जैसी रोशनी रोकने वाली सामग्री का उपयोग करें.
  • सुनिश्चित करें कि अभ्यास के दौरान बाहरी लाइटें बंद हों.
  • परिवार के सदस्यों के साथ ब्लैकआउट का अनुकरण करके अपनी तैयारी का परीक्षण करें.

इस मॉक ड्रिल के दौरान क्या करें?

  • टीवी, फोन या टैबलेट जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों सहित सभी प्रकाश स्रोतों को बंद या ढक दें.
  • टॉर्च और मोमबत्तियां तैयार रखें, लेकिन उन्हें खिड़कियों के पास रखने से बचें.
  • इस मॉक ड्रिल के दौरान क्या न करें?
  • ऐसी कोई रोशनी न इस्तेमाल करें जो बाहर से दिखाई दे.
  • ब्लैकआउट के दौरान अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें.

4. महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छिपाना

  • यह कार्य मुख्य रूप से अधिकारियों के लिए है, लेकिन नागरिक सतर्क और सहायक बनकर भूमिका निभा सकते हैं.
  • महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के पास किसी भी अपरिचित गतिविधि की सूचना अधिकारियों को दें.
  • स्थानीय सुविधाओं के बारे में संवेदनशील जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करने से बचें.

इस अभ्यास के दौरान क्या करें?

  • अधिकारियों द्वारा महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छिपाने के तरीके को देखें और जानें, ताकि इसका महत्व समझ में आए.
  • अभ्यास आयोजित करने वाले अधिकारियों के लिए सुगम पहुंच सुनिश्चित करके सहायता करें.

इस मॉक ड्रिल के दौरान क्या न करें?

  • छिपाने वाली गतिविधियों में हस्तक्षेप न करें या प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश न करें.
  • अभ्यास की तस्वीरें लेने या ऑनलाइन पोस्ट करने से बचें.

5. निकासी योजना अपडेट और रिहर्सल

  • नागरिकों के लिए तैयारी के चरण.
  • निकासी मार्गों का अध्ययन करें और निकटतम आश्रय या सुरक्षित क्षेत्र की पहचान करें.
  • आवश्यक वस्तुओं के साथ एक “गो-बैग” तैयार करें, जिसमें शामिल हैं- पहचान दस्तावेज, आपातकालीन संपर्क नंबर, दवाएं, स्नैक्स और पानी.
  • परिवार के सदस्यों के साथ निकासी योजना का अभ्यास करें.
  • यह सुनिश्चित करते हुए कि हर कोई अपनी भूमिका जानता हो.

इस अभ्यास के दौरान क्या करें?

  • निर्धारित निकासी मार्गों का व्यवस्थित तरीके से पालन करें.
  • जरूरत पड़ने पर बुजुर्गों या विकलांग व्यक्तियों की सहायता करें.
  • शांत रहें और अधिकारियों या मार्शलों के निर्देशों को सुनें.

इस अभ्यास के दौरान क्या न करें?

  • अभ्यास के दौरान रास्ते न रोकें या अनावश्यक सामान इकट्ठा करने के लिए न रुकें.
  • जब तक निर्देश न दिया जाए, निजी वाहन न लें, क्योंकि इससे भीड़भाड़ हो सकती है.
  • नागरिकों के लिए सामान्य तैयारी युक्तियां

मॉक ड्रिल शुरू होने से पहले क्या करें?

  • स्थानीय घोषणाओं या सोशल मीडिया के माध्यम से अभ्यास के समय और गतिविधियों के बारे में जानकारी रखें.
  • पड़ोसियों के साथ जानकारी साझा करें, खासकर उन लोगों के साथ जिनकी आधिकारिक अपडेट तक पहुंच नहीं हो सकती है.
  • अभ्यास को गंभीरता से लें, क्योंकि यह आपको वास्तविक आपात स्थितियों के लिए तैयार करता है.
  • परिवार और दोस्तों को सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें.
  • अभ्यास के दौरान शांत और सहयोगात्मक रवैया रखें.
  • सुनिश्चित करें कि बच्चे, बुजुर्ग और पालतू जानवर आपकी आपातकालीन तैयारी योज
  •  का हिस्सा हों.
  • अभ्यास के बारे में अफवाहें या गलत सूचना फैलाने से बचें.
    अभ्यास के दौरान शॉर्टकट न अपनाएं या सुरक्षा उपायों को नजरअंदाज न करें.

अभ्यास के बाद क्या करें?

  • आयोजकों को किसी भी चुनौती के बारे में रचनात्मक प्रतिक्रिया दें.
  • अपनी आपातकालीन योजनाओं पर फिर से विचार करें और अनुभव के आधार पर आवश्यक अपडेट करें.