मामला क्या है?
- वर्ष 2008 में गुरुग्राम में 58 करोड़ रुपये की एक लैंड डील को लेकर रॉबर्ट वाड्रा पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं।
- आरोप है कि उनकी कंपनी के पास सिर्फ 1 लाख रुपये थे, फिर भी जमीन का सौदा करोड़ों में किया गया।
- ED ने वाड्रा और उनसे जुड़ी कंपनियों की 43 संपत्तियां अटैच की हैं, जिनकी कुल कीमत करीब 37.64 करोड़ रुपये है।
⚖️ चार्जशीट में क्या कहा गया है?
- गुरुवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई।
- वाड्रा समेत 11 लोगों और कंपनियों को आरोपी बनाया गया है:
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स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी (Wadra की कंपनी)
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ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज
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सत्यनंद याजी
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केवल सिंह विरक
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यह पहली बार है जब किसी जांच एजेंसी ने रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ आपराधिक चार्जशीट दाखिल की है।
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- 🗓️ अब आगे क्या?
- अगली सुनवाई 24 जुलाई 2025 को होगी।
- कोर्ट ने अभी चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया है, लेकिन यह मामला राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर गर्मा गया है।
- 🧾 रॉबर्ट वाड्रा की प्रतिक्रिया:
- उन्होंने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है।
- वाड्रा का दावा: “मैंने 2019 में सभी दस्तावेज पहले ही जमा कराए थे, लेकिन जांच एजेंसियां लगातार परेशान कर रही हैं।”
- साथ ही, उन्होंने जवाबदेही से भागने के बजाय पूछताछ में सहयोग देने की बात कही।
- 🧨 राजनीतिक मायने:
- यह मामला ऐसे वक्त सामने आया है जब 2025 के चुनावी माहौल की आहट तेज हो रही है।
- कांग्रेस और BJP के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति अब और उग्र हो सकती है।
- विपक्ष इसे केंद्र सरकार द्वारा एजेंसियों के “दुरुपयोग” के रूप में देख रहा है, जबकि सरकार का दावा है कि “कानून अपना काम कर रहा है”।