iPhone नहीं लाने पर दहेज के दानवों की दरिंदगी: विवाहिता को गर्म कैंची से दागा गया, तार और चप्पलों से पीटा गया

लखनऊ में मानवता को शर्मसार करने वाली एक दहेज उत्पीड़न की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पीड़िता ने अपने पति और ससुरालवालों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आईफोन और जेवर न लाने पर उसे गर्म कैंची से दागा गया, चप्पलों और तार से पीटा गया, और अंततः जान से मारने की कोशिश की गई। पीड़िता के शरीर पर अब भी पिटाई और जलने के गहरे निशान मौजूद हैं।

👰 पीड़िता की पहचान व पृष्ठभूमि

  • नाम: परवीन
  • निवासी: देवा शरीफ, बाराबंकी
  • निकाह: दो वर्ष पूर्व, लखनऊ के बीबीडी चंदियामऊ निवासी अरमान से
  • शिकायत का स्थान: बीबीडी कोतवाली, लखनऊ

परवीन ने बताया कि शादी के समय उसके पिता ने अपनी हैसियत के अनुसार दहेज दिया था, लेकिन कुछ ही महीनों बाद ससुरालवालों ने iPhone और ज़ेवर की अतिरिक्त मांगें शुरू कर दीं।

😱 उत्पीड़न की दर्दनाक दास्तान

  • गर्म कैंची से दागने की अमानवीयता:
    परवीन के अनुसार, जब उसने आईफोन नहीं लाया तो सास-ससुर और पति ने मिलकर गर्म की गई कैंची से उसके शरीर पर कई जगह दाग दिया
  • तार और चप्पल से पिटाई:
    इसके बाद उसे बिजली के तार और चप्पलों से बेरहमी से पीटा गया
  • गला दबाकर हत्या का प्रयास:
    चीखने पर गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की गई, लेकिन किसी तरह वह बच निकली।
  • घर से निकाला गया:
    एक महीने पहले उसे मारपीट कर मायके भेज दिया गया। अब वह वहीं रह रही है।
  • मानसिक प्रताड़ना:
    जब वह ससुराल वालों से संपर्क करती है तो उसे फोन पर आत्महत्या करने की धमकियां दी जाती हैं: “मायके में फांसी लगा लो, यहां अब मत आना।”

🚔 FIR दर्ज: नामजद आरोपी

बीबीडी पुलिस ने धारा 498A (दहेज उत्पीड़न), 323 (मारपीट), 504, 506 (जान से मारने की धमकी) सहित IPC की कई धाराओं में केस दर्ज किया है।

  1. पति: अरमान

  2. सास: सब्बो बानो

  3. ससुर: सिद्दीक

  4. ननद: दरकसा

  5. देवर: सलमान

इंस्पेक्टर बीबीडी के अनुसार, मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। मेडिकल परीक्षण और गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।

🧠 सामाजिक संदेश: कब थमेगा दहेज का आतंक?

यह घटना बताती है कि दहेज जैसी कुप्रथा आज भी हमारी सामाजिक जड़ों में जहर घोल रही है

  • जब एक महिला सिर्फ मोबाइल फोन और गहने की लालच में शारीरिक और मानसिक यातना का शिकार हो रही हो,
  • जब उसके अपने ही परिवारजन हत्यारे बन जाएं,
    तो यह सवाल उठता है — क्या हमारा समाज वाकई सभ्य है?