“तेलंगाना में 25 साल से रह रहे पाकिस्तानी युवक की पोल खुली: शादी, धोखा और फर्जी पहचान का खेल”

तेलंगाना से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने न केवल वैवाहिक जीवन में धोखे की कहानी उजागर की, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकता से जुड़े गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं। इस पूरे मामले का केंद्र है फहद, एक पाकिस्तानी नागरिक, जो वर्ष 1998 से भारत में रह रहा है और जिसने यहां अपनी पहचान छुपाकर शादी की, रिश्तों में धोखा दिया और संभवतः फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारतीय नागरिकता का दावा किया।

भारत में आने की कहानी

पुलिस की जांच के मुताबिक, फहद की मां का जन्म भारत में हुआ था, लेकिन उन्होंने सऊदी अरब में पाकिस्तान के एक नागरिक से शादी की और पाकिस्तानी नागरिकता ग्रहण कर ली। पिता के निधन के बाद, वर्ष 1998 में फहद अपनी मां और तीन भाई-बहनों के साथ हैदराबाद आ गया। तब से वह यहीं रह रहा था और फिलहाल एक सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी कर रहा था।

शादी और बदलते रिश्ते

2016 में फहद ने तेलंगाना की एक तलाकशुदा महिला से शादी की। शादी के बाद पत्नी ने इस्लाम धर्म भी अपना लिया। शुरुआती साल ठीक-ठाक गुज़रे, लेकिन पिछले दो वर्षों से दोनों के बीच लगातार विवाद चल रहे थे।

पत्नी का बड़ा खुलासा

गुरुवार को हालात तब बिगड़े जब पत्नी ने फहद को एक अन्य महिला के साथ संदिग्ध हालात में रंगे हाथ पकड़ लिया। इस घटना ने पत्नी का धैर्य तोड़ दिया और उसने सीधे पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी।

पत्नी के आरोप:

  • फहद ने अपनी पाकिस्तानी नागरिकता की सच्चाई कभी नहीं बताई।
  • उसके शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी हैं।
  • शादी के बाद से उसने मानसिक उत्पीड़न किया।
  • दहेज के लिए दबाव और धमकियां दीं।

नागरिकता पर सवाल

फहद ने पुलिस के सामने खुद को भारतीय नागरिक बताया, लेकिन नागरिकता साबित करने के लिए कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। यह मामला अब सिर्फ वैवाहिक विवाद नहीं रहा, बल्कि इसमें गैरकानूनी रूप से भारत में रहने, फर्जी पहचान और संभावित सुरक्षा खतरे जैसे पहलू जुड़ गए हैं।

कानूनी कार्रवाई और जांच

पत्नी की शिकायत के आधार पर, पुलिस ने फहद के खिलाफ धोखाधड़ी, दहेज उत्पीड़न और धमकी देने के आरोपों में केस दर्ज किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए, नागरिकता सत्यापन और उसके पुराने रिकॉर्ड की गहन जांच शुरू कर दी गई है।

महत्वपूर्ण सवाल

यह घटना कई अहम सवाल खड़े करती है:

  1. फहद 25 साल से भारत में रह रहा था, फिर भी उसकी नागरिकता की स्थिति स्पष्ट क्यों नहीं हुई?
  2. उसने भारतीय नागरिकता कैसे और किन दस्तावेजों के आधार पर दावा किया?
  3. क्या यह मामला एक अकेली घटना है या ऐसे और भी लोग हैं जो फर्जी पहचान के साथ देश में रह रहे हैं?