लग्जरी गाड़ियों का काफिला, केंद्रीय सचिव बनकर लेता था प्रोटोकॉल
लखनऊ पुलिस ने फर्जी आईएएस सौरभ त्रिपाठी को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि वह कई सालों से खुद को केंद्रीय सचिव बताकर प्रोटोकॉल ले रहा था और अफसरों पर दबाव डाल रहा था।
फर्जीवाड़े का खेल
- लग्जरी गाड़ियों के काफिले में घूमता, गाड़ियों पर भारत सरकार/उत्तर प्रदेश सरकार की प्लेट लगी होती थी।
- एनआईसी की फर्जी आईडी से अफसरों को मेल कर बैठकों व कार्यक्रमों में शामिल होता।
- बड़े जिलों के सर्किट हाउस और नामचीन होटलों में रुकता।
- ट्रांसफर-पोस्टिंग और ठेके दिलाने के लिए फोन कर दबाव डालता।
गिरफ्तारी कैसे हुई?
वजीरगंज पुलिस चेकिंग कर रही थी तभी उसकी इनोवा क्रिस्टा पकड़ी गई। खुद को आईएएस बताकर इंस्पेक्टर पर रौब झाड़ने की कोशिश की। विज़िटिंग कार्ड दिखाने पर शक गहरा गया और पूछताछ में राज़ खुल गया।
बरामदगी
- इनोवा क्रिस्टा, डिफेंडर, मर्सडीज, फॉर्च्यूनर समेत 6 लग्जरी कारें
- 3 लाल-नीली बत्तियां, अशोक स्तंभ व जाली पास
- कई मोबाइल, लैपटॉप, एटीएम कार्ड और नकदी
पृष्ठभूमि
सौरभ कंप्यूटर साइंस से बीटेक पास है और दिल्ली के एक एनजीओ से जुड़ा रहा। यहीं से उसने आईएएस का ढोंग रचने की योजना बनाई। कई बार वह उत्तराखंड और बिहार के कार्यक्रमों में बतौर मुख्य अतिथि भी शामिल हुआ।