दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से हालात बाढ़ जैसे हो गए हैं। पानी दिल्ली सचिवालय तक पहुंच गया है। हजारों लोग बेघर हो गए और गढ़ी मांडू गांव के दो लोग लापता हैं, जिनकी तलाश NDRF कर रही है।
बाढ़ का असर
- अब तक 15,000 से ज्यादा लोग राहत शिविरों में पहुंचे।
- यमुना खादर, गढ़ी मांडू, बदरपुर खादर, पुराना उस्मानपुर और कश्मीरी गेट इलाकों में पानी भरा।
- कई प्रोजेक्ट और पिकनिक स्पॉट जलमग्न, मंदिर और बस्तियां डूबीं।
- लोग नाव, थर्मोकोल की पटरी और ट्रैक्टर से बाहर निकलते दिखे।
मुश्किलें बढ़ीं
- राहत शिविर पर्याप्त नहीं, लोग तिरपाल डालकर सड़क पर रह रहे हैं।
- सांप और जंगली जानवरों का खतरा बढ़ गया, सोनिया विहार में नील गाय भी नजर आईं।
- पशुओं के सड़कों पर आने से गोबर से हालात बिगड़े, फिसलन बढ़ी।
प्रशासन और नुकसान
NDRF और प्रशासन बचाव कार्यों में जुटे हैं। लेकिन यमुना का पानी एलजी के कई प्रोजेक्ट और असिता ईस्ट पार्क तक पहुंच गया है। करोड़ों खर्च कर तैयार हुआ “बांसेरा” बांस पार्क और वासुदेव घाट भी डूब गए।
