मुजफ्फरपुर (बिहार) — बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुजफ्फरपुर में चुनावी बिगुल फूंक दिया। मोतीपुर चीनी मिल मैदान में आयोजित विशाल रैली में उमड़े जनसैलाब को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला और कहा —
“जो छठी मइया का अपमान करे, क्या ऐसे लोगों को बिहार बख्शेगा? बिहार की जनता अपनी आस्था के अपमान को कभी माफ नहीं करेगी।”
🗳️ चुनावी माहौल गरमाया — आस्था बनाम राजनीति की जंग
छठ पूजा के तुरंत बाद बिहार का चुनावी माहौल पूरी तरह गरमा गया है। मोदी ने अपने भाषण में कहा कि बिहार की पहचान उसकी संस्कृति, श्रद्धा और मेहनत से है, और जिन्होंने इन भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, उन्हें जनता सबक सिखाएगी।
उन्होंने विपक्ष पर इशारों में वार करते हुए कहा —
“कुछ लोग सिर्फ वोट के लिए आस्था का मज़ाक उड़ाते हैं। लेकिन बिहार की माताएं-बहनें सब देख रही हैं। छठी मइया की भक्ति के साथ राजनीति करने वालों को जनता जवाब देगी।”
मोदी के इस बयान को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री की “छठ पूजा की आस्था” को नाटक बताया था।
⚔️ मोदी का विपक्ष पर प्रहार: ‘कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन’
प्रधानमंत्री मोदी ने महागठबंधन पर सीधा हमला बोलते हुए कहा —
“राजद और कांग्रेस की पहचान पांच शब्दों से होती है — कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन। जहां कट्टा चलता है, वहां कानून ठहर नहीं सकता; जहां क्रूरता राज करती है, वहां जनता का विश्वास टूट जाता है।”
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार में सुशासन और विकास को प्राथमिकता दी है, जबकि विपक्ष ने केवल सत्ता के लिए जाति और नफरत की राजनीति की।
🚉 विकसित बिहार की बात — मोदी ने गिनाईं उपलब्धियां
प्रधानमंत्री ने बिहार के विकास की तस्वीर पेश करते हुए कहा —
“आज बिहार में रेल के इंजन बन रहे हैं, डेयरी के बड़े-बड़े प्लांट लग रहे हैं, मखाना दुनिया भर में जा रहा है। हमारा लक्ष्य है — बिहार का गौरव बढ़ाना, बिहार की मीठी बोली और संस्कृति को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाना।”
उन्होंने यह भी कहा कि जब भारत ज्ञान-विज्ञान की ताकत था, तब बिहार उसकी आत्मा हुआ करता था। “अब विकसित भारत के लिए विकसित बिहार जरूरी है,” उन्होंने कहा।
🧱 तेजस्वी यादव का पलटवार — ‘विकास नहीं, कब्जा करना चाहती है भाजपा’
वहीं, विपक्षी गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने पटना में पलटवार करते हुए कहा —
“एनडीए को बिहार के विकास की नहीं, बिहार पर कब्जे की चिंता है। भाजपा के पास न नीयत है, न नीति।”
उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “अगर गृह मंत्री कहते हैं कि बिहार में जमीन की दिक्कत है इसलिए उद्योग नहीं लग सकते, तो ये युवाओं का अपमान है।”
🛡️ सुरक्षा व्यवस्था और रैलियों का माहौल
मोदी की रैली को लेकर मुजफ्फरपुर में अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। हजारों की संख्या में लोग मैदान में जुटे, जबकि पुलिस और प्रशासन ने कार्यक्रम स्थल के भीतर और बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए।
इसी दिन अमित शाह और राहुल गांधी की भी राज्य के अन्य जिलों में सभाएँ थीं, जिससे बिहार की राजनीति में एक साथ कई मोर्चे खुले हुए हैं।
🌅 ‘छठी मइया’ बनाम ‘राजनीति’ — बिहार की भावनाओं का सवाल
छठ पर्व बिहार की आत्मा कहा जाता है। ऐसे में “छठी मइया” के अपमान को लेकर शुरू हुआ विवाद अब चुनाव का प्रमुख भावनात्मक मुद्दा बन गया है।
मोदी ने इसे “जनभावना और श्रद्धा के साथ खिलवाड़” बताते हुए जनता से अपील की —
“वोट के लिए आस्था का अपमान करने वालों को जवाब दीजिए। बिहार की धरती आस्था की है, राजनीति की दुकान नहीं।”
📍 निष्कर्ष
मुजफ्फरपुर की मोदी रैली ने बिहार के चुनावी संग्राम को नया मोड़ दे दिया है। अब मुकाबला सिर्फ विकास बनाम भ्रष्टाचार तक सीमित नहीं रहा — यह आस्था बनाम अपमान की जंग में तब्दील होता जा रहा है।
