उज्जैन में हुए दर्दनाक सड़क हादसे का अंत मंगलवार शाम को हुआ। शिप्रा नदी में गिरी कार से महिला कांस्टेबल आरती पाल का शव बरामद किया गया। इसके साथ ही थाना प्रभारी अशोक शर्मा (58), सब-इंस्पेक्टर मदन लाल (57) और कांस्टेबल आरती पाल (30)—तीनों पुलिसकर्मियों की मौत की पुष्टि हो गई।
🚨 हादसा कैसे हुआ?
शनिवार रात करीब 9 बजे, उन्हेल थाना के तीनों पुलिसकर्मी एक नाबालिग के लापता होने के मामले की जांच के लिए जा रहे थे।
- कार बिना रेलिंग वाले बड़नगर पुल से अचानक शिप्रा नदी में गिर गई।
- चश्मदीदों के मुताबिक, कार महिला कांस्टेबल आरती पाल चला रही थीं।
- कार नदी में करीब 50 मीटर दूर एक गड्ढे में फंस गई थी।
🛑 3 दिन चला सर्च ऑपरेशन
- हादसे के बाद NDRF और SDRF की 25-25 सदस्यीय टीमें, 10 स्थानीय गोताखोर, कुल 50 से अधिक बचावकर्मी मौके पर जुटे।
- मशीनी नावें और 2 ड्रोन भी तलाशी अभियान में लगाए गए।
- तेज बहाव के कारण लगातार दिक्कत आई, इसलिए बांध के गेट बंद कर पानी का प्रवाह धीमा किया गया।
- पहले दिन टीआई अशोक शर्मा का शव, दूसरे दिन एसआई मदन लाल का शव, और तीसरे दिन कार से कांस्टेबल आरती पाल का शव मिला।
😔 पुलिस विभाग में शोक
जैसे ही आरती पाल का शव मिला, पूरे पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ गई।
एसपी प्रदीप शर्मा और सीएसपी पुष्पा प्रजापति ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य की निगरानी की।
यह हादसा पुलिसकर्मियों के लिए ड्यूटी पर रहते हुए जान गंवाने की दर्दनाक मिसाल बन गया है।
अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर बिना रेलिंग वाले इस खतरनाक पुल पर सुरक्षा इंतज़ाम क्यों नहीं थे? क्या प्रशासन की लापरवाही ने तीन जिंदगियां निगल लीं?