👉आरुष मिश्रा के नवाचार ने दिलाया अंतरराष्ट्रीय सम्मान, 3000 डॉलर ग्रांट के साथ नई दिल्ली में होगा सम्मानित
👉‘एम्पावरिंग विजन’ प्रोजेक्ट से दृष्टिबाधितों की जिंदगी में आएगी रोशनी, प्रदेश का अकेला प्रतिनिधि बना छात्र
👉ब्रेल टैबलेट प्रोजेक्ट से दृष्टिबाधित छात्रों के लिए बनेगा शिक्षा का नया सूरज, 55 देशों को पछाड़ लहराया लखनऊ का परचम
सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, राजाजीपुरम, लखनऊ के कक्षा 9 के छात्र आरुष मिश्रा (पुत्र डॉ. गौरव मिश्रा व डॉ. नेहा जैन) ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शहर व प्रदेश का नाम रोशन किया है। आरुष के प्रोजेक्ट “एम्पावरिंग विजन : टचिंग लाइफ” को एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में चुना गया, जिसमें 55 से अधिक देशों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। तीन चरणों में सम्पन्न हुई इस प्रतियोगिता में आरुष का चयन सम्मान समारोह के लिए हुआ है।
आरुष को अपने प्रोजेक्ट की प्रस्तुति एवं सम्मान हेतु आगामी 2 नवम्बर 2025 को नई दिल्ली स्थित मिरांडा हाउस कॉलेज में आयोजित समारोह में आमंत्रित किया गया है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि मंडल के सामने अपने प्रोजेक्ट को प्रस्तुत करने का यह सुनहरा अवसर उन्हें मिलने वाला है। लखनऊ से चुने गए आरुष इस प्रतियोगिता के एकमात्र प्रतिभागी हैं। उल्लेखनीय है कि आरुष इससे पूर्व भी कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। हाल ही में उन्हें सियाना सोल्यूशन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया, जिसके अंतर्गत अपने प्रोजेक्ट पर आगे कार्य करने के लिए उन्हें 3000 डॉलर की अनुदान राशि प्राप्त हुई।
आरुष मिश्रा के प्रोजेक्ट के अंतर्गत दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के हित में विशेष ब्रेल टैबलेट विकसित किया जाएगा, जो किसी भी भाषा के टेक्स्ट को ब्रेल लिपि में परिवर्तित कर सकेगा। इस तकनीक से शिक्षा जगत में एक नई क्रांति आने की उम्मीद है।
कम उम्र में ही आरुष ने अपनी प्रतिभा से कई उपलब्धियां अर्जित कर उत्तर प्रदेश व भारत का गौरव बढ़ाया है। सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की प्राचार्य निधि पांडेय एवं श्वेता अवस्थी ने आरुष की इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।