समाजवादी पार्टी (SP) के कद्दावर नेता और रामपुर से विधायक आज़म खान आखिरकार 23 महीने बाद जेल से बाहर आने जा रहे हैं। अदालत से राहत मिलने के बाद सभी 72 मामलों में जमानत मिल चुकी है। उनके समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है। माना जा रहा है कि आज़म खान जेल से बाहर आने के बाद सबसे पहले अपने गृहनगर रामपुर जाएंगे, जहां उनका भव्य स्वागत किया जाएगा।
कैसे मिली राहत?
आज़म खान के खिलाफ दर्ज 72 आपराधिक मामले लंबे समय से कानूनी प्रक्रिया में थे। इनमें भूमि कब्ज़ा, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाना, चोरी, डकैती और कई अन्य गंभीर आरोप शामिल हैं।
- हाल ही में एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने 19 मामलों में उनकी रिहाई के आदेश जारी किए।
- इससे पहले क्वालिटी बार प्रकरण और अन्य 53 मामलों में भी उन्हें जमानत मिल चुकी थी।
- इसके अलावा, डूंगरपुर प्रकरण में सुनाई गई 10 साल की सज़ा पर भी इलाहाबाद हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिल गई थी।
कोर्ट ने पुलिस और प्रशासन से सभी मामलों की जांच रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट संतोषजनक पाए जाने के बाद जमानत के आदेश जारी कर दिए गए।
सियासी हलचल तेज
आज़म खान की रिहाई के साथ ही उत्तर प्रदेश की सियासत में नए समीकरण बनने लगे हैं।
- कुछ दिन पहले ही बीएसपी विधायक उमाशंकर सिंह ने कहा था कि अगर आज़म खान बहुजन समाज पार्टी (BSP) में आना चाहें तो उनका खुले दिल से स्वागत किया जाएगा।
- इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि आज़म खान की अगली चाल विपक्षी गठजोड़ के लिए अहम साबित हो सकती है।
परिवार की चिंता और स्वास्थ्य
आज़म खान लंबे समय से जेल में बंद रहे हैं और इस दौरान उनका स्वास्थ्य भी प्रभावित हुआ है।
- उनकी पत्नी तंजीन फातिमा ने हाल ही में उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई थी।
- कुछ समय पहले उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म उनसे जेल में मुलाकात करने पहुंचे थे और दवाइयाँ भी लेकर गए थे।
- खुद अब्दुल्ला आज़म भी लंबे समय तक जेल में बंद रहे, लेकिन अब रिहा हो चुके हैं।
रामपुर में स्वागत की तैयारी
आज़म खान की रिहाई की खबर मिलते ही उनके समर्थक बेहद उत्साहित हैं।
- रामपुर में भव्य स्वागत कार्यक्रम की तैयारी की जा रही है।
- पार्टी कार्यकर्ता मानते हैं कि उनके बाहर आने से समाजवादी पार्टी की मजबूती बढ़ेगी।
निष्कर्ष
आज़म खान की रिहाई सिर्फ व्यक्तिगत राहत ही नहीं है, बल्कि इसका असर उत्तर प्रदेश की राजनीति पर भी गहराई से पड़ेगा। सपा, बसपा और अन्य विपक्षी दलों के बीच नए समीकरण बन सकते हैं। 23 महीने जेल में बिताने के बाद उनका बाहर आना निश्चित तौर पर एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है।
