लखनऊ में धर्मांतरण का जाल: पादरी मलखान ने हजारों हिंदुओं को बनाया ईसाई

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से धर्मांतरण का एक बड़ा खुलासा हुआ है। पादरी बने मलखान ने चालाकी और योजनाबद्ध तरीके से बीते दो सालों में हजार से अधिक हिंदुओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया।

मलखान का तरीका और चालबाजी

  • निगोहां क्षेत्र के मेहंदौली गांव, बकतौरी खेड़ा का रहने वाला मलखान खुद को पादरी बताता था।
  • अपने खेत में उसने एक बड़ा हॉल बनवाया, जिसे चर्च का रूप दे दिया।
  • हर रविवार और गुरुवार को वहां प्रार्थना सभाएं आयोजित होती थीं, जिनमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते।
  • ग्रामीण जब शक करते और झांकते कि अंदर क्या हो रहा है, तो मलखान तुरंत संस्कृत में बातें करने लगता ताकि यह लगे कि धार्मिक अनुष्ठान हो रहा है।
  • लोगों को बीमारी ठीक करने और आर्थिक मदद का लालच देकर वह उन्हें ईसाई धर्म में दीक्षित करता था।

गिरफ्तारी और बरामदगी

  • रविवार को पुलिस ने मलखान को गिरफ्तार कर लिया।
  • उसके पास से बाइबल और ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार से जुड़ी सामग्री मिली है।
  • पुलिस अब उसके दो बैंक खातों की जांच कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि फंडिंग कहां से आ रही थी।

ग्रामीणों की मांग

गांव वालों का कहना है कि जिस जमीन पर प्रार्थना हॉल बना है, उसकी जांच और नपाई होनी चाहिए। वे यह जानना चाहते हैं कि जमीन किसकी है और क्या इसे अवैध रूप से चर्च बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया।

मोहनलालगंज में चर्चों की बढ़ती संख्या

  • पिछले तीन दशकों से मोहनलालगंज, नगराम, निगोहां और गोसाईंगंज में धर्मांतरण की गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं।
  • अकेले बकतौरी खेड़ा में मलखान ने 500 हिंदुओं को धर्मांतरित कर दिया।
  • कहा जा रहा है कि उसने अब तक 1000 से अधिक गरीब और दलित परिवारों को ईसाई धर्म में ला दिया।
  • इन इलाकों में अब पांच बड़े चर्च और कई छोटे चर्च स्थापित हो चुके हैं, जबकि 80-90 के दशक में केवल एक ही चर्च था।

निष्कर्ष:
लखनऊ का यह मामला केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि एक बड़े धर्मांतरण नेटवर्क की ओर इशारा करता है। पुलिस फंडिंग और जमीन की जांच कर रही है। वहीं, ग्रामीण प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

Click to Un-Mute
WhatsApp icon
+919335693356
Contact us!
Phone icon
+919335693356