वॉशिंगटन/तेल अवीव: लंबे समय से चले आ रहे गाजा-इजरायल संघर्ष में अब समाधान की एक नई किरण दिखाई दे रही है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को बड़ा ऐलान किया कि इजरायल गाजा में प्रारंभिक वापसी रेखा (Withdrawal Line) पर सहमत हो गया है। यह प्रस्ताव हमास को भी भेजा गया है और इसके स्वीकार होते ही युद्धविराम तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा।
ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर लिखा कि इस समझौते से बंधकों और कैदियों की अदला-बदली का रास्ता खुलेगा और यह 3000 साल से चली आ रही तबाही को खत्म करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।
ट्रंप का शांति फार्मूला
- इजरायल ने वापसी रेखा पर सहमति जताई।
- हमास की पुष्टि होते ही युद्धविराम लागू होगा।
- बंधकों और कैदियों की अदला-बदली शुरू होगी।
- शांति समझौते के बाद आगे की वापसी प्रक्रिया तय होगी।
नेतन्याहू का बयान
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी संकेत दिया कि उनका देश एक बड़ी उपलब्धि के करीब है। उन्होंने कहा कि “ईश्वर की कृपा से आने वाले दिनों में सुकोट की छुट्टियों के दौरान सभी बंधकों की वापसी संभव हो सकती है।” हालांकि, नेतन्याहू ने साफ किया कि इजरायली सेना (IDF) गाजा पट्टी और उसके नियंत्रण वाले इलाकों में मौजूद रहेगी।
हमास का रुख
ट्रंप के शुक्रवार को दिए अल्टीमेटम के बाद, जिसमें उन्होंने हमास को रविवार शाम 6 बजे तक शांति योजना मानने का समय दिया था, हमास झुकता दिखाई दिया। उसने सभी जीवित और मृत बंधकों को रिहा करने पर सहमति जताई और कहा कि वह विवरणों को अंतिम रूप देने के लिए मध्यस्थ वार्ता में शामिल होगा।
कूटनीतिक मायने
यह पहल अगर सफल होती है तो गाजा-इजरायल संघर्ष में यह सबसे बड़ी राजनीतिक और मानवीय सफलता मानी जाएगी। दशकों से चले आ रहे इस विवाद में बंधक संकट, सैन्य संघर्ष और लगातार हो रहे मानवीय नुकसान का समाधान निकल सकता है।
