उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने आखिरकार उस महिला ठग को पकड़ लिया है, जिसकी तलाश प्रदेश की सात जिलों की पुलिस को वर्षों से थी। जेकेवी लैंड एंड डेवलपर्स इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाली प्रियंका सिंह को लखनऊ के पीजीआई इलाके से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी पर ₹50,000 का इनाम घोषित था और उसके खिलाफ 19 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
प्रियंका की गिरफ्तारी से चिटफंड घोटाले के शिकार हुए हजारों निवेशकों को अब न्याय की उम्मीद जगी है।
👮♀️ STF और ललितपुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
डीएसपी एसटीएफ सत्यसेन यादव के अनुसार, ललितपुर पुलिस ने प्रियंका सिंह की तलाश में STF से सहयोग मांगा था। इसके बाद संयुक्त टीम ने कई दिनों की निगरानी और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के बाद लखनऊ के एल्डिको कॉलोनी (पीजीआई क्षेत्र) में छापा मारा।
टीम ने सौभाग्यम अपार्टमेंट टॉवर नंबर-10 के एक फ्लैट से प्रियंका को गिरफ्तार किया।
सूत्रों के अनुसार, प्रियंका लखनऊ के जानकीपुरम स्थित सहारा स्टेट में रहती थी और पिछले कुछ महीनों से लगातार अपना ठिकाना बदल रही थी ताकि गिरफ्तारी से बच सके।
💰 2011 में शुरू हुआ करोड़ों का चिटफंड घोटाला
प्रियंका ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2011 में उसने अपने पति राजेश कुमार सिंह, और सहयोगियों दुर्गेश जायसवाल, विक्रांत त्रिपाठी, दीपक शुक्ला, और आशीष श्रीवास्तव के साथ मिलकर “JKV Land & Developers Infrastructure Company” की स्थापना की थी।
कंपनी का पंजीकृत कार्यालय हजरतगंज, लखनऊ में हैवलॉक रोड पर दिखाया गया था।
इन लोगों ने चिटफंड स्कीम के नाम पर निवेशकों को झांसा दिया —
- लोगों को एजेंट बनाकर भर्ती किया गया।
- FD और खाते खोलने के नाम पर रकम जमा कराई गई।
- बदले में फर्जी पासबुक और एफडी प्रमाणपत्र दिए गए।
कुछ ही वर्षों में कंपनी ने करोड़ों रुपये जमा करा लिए, जिसके बाद सभी संचालक अचानक कंपनी का ऑफिस बंद कर फरार हो गए।
🧾 पीड़ितों की शिकायत से खुला मामला
साल 2019 में ललितपुर कोतवाली में इस घोटाले की रिपोर्ट दर्ज हुई।
अब तक यूपी के लखनऊ, जौनपुर, आजमगढ़, वाराणसी, महोबा, मऊ और ललितपुर जिलों में प्रियंका और उसके साथियों के खिलाफ कुल 19 केस दर्ज हैं।
हाल ही में, इसी मामले में आरोपी आशीष श्रीवास्तव को 29 जून 2025 को इंदौर से गिरफ्तार किया गया था।
⚖️ गिरफ्तारी के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई
STF ने बताया कि प्रियंका के खिलाफ ठोस दस्तावेजी सबूत मिले हैं — जिनमें बैंक ट्रांजैक्शन, नकली एफडी सर्टिफिकेट और एजेंट नेटवर्क का रिकॉर्ड शामिल है।
प्रियंका को अब न्यायालय में पेश किया जाएगा और आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
⚠️ पुलिस की अपील: निवेश से पहले करें जांच
ललितपुर पुलिस और STF ने आम जनता को आगाह करते हुए कहा —
“कोई भी निवेश या एजेंट स्कीम में पैसा लगाने से पहले कंपनी की सरकारी रजिस्ट्रेशन और ऑथराइजेशन की जांच जरूर करें।
किसी भी संदिग्ध कंपनी या व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें, और तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित करें।”
🧩 निष्कर्ष
प्रियंका सिंह की गिरफ्तारी से उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े चिटफंड नेटवर्क में से एक का पर्दाफाश हुआ है।
यह मामला दिखाता है कि निवेश के नाम पर ठगी अब भी छोटे शहरों और कस्बों में तेजी से फैल रही है, जहाँ भोले-भाले लोग जल्द मुनाफे के लालच में फंस जाते हैं।
पुलिस अब इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है।
