तेलुगु फ़िल्म ‘द राजा साब’ के गाने के लॉन्च इवेंट के दौरान अभिनेत्री निधि अग्रवाल के साथ हुई धक्का-मुक्की का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। वायरल वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने ख़ुद संज्ञान लेते हुए केस दर्ज कर लिया है। इस घटना ने न सिर्फ़ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर प्रशंसकों के व्यवहार और आयोजकों की लापरवाही को लेकर तीखी बहस भी छेड़ दी है।
क्या हुआ इवेंट में?
बुधवार को हैदराबाद में आयोजित गाने के लॉन्च इवेंट में निधि अग्रवाल शामिल हुई थीं। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद बाहर निकलते समय प्रशंसकों की भीड़ बेक़ाबू हो गई। वीडियो में साफ़ दिखता है कि भीड़ उन्हें चारों ओर से घेर लेती है और उनकी कार तक पहुँचने में भारी मुश्किल होती है।
बॉडीगार्ड किसी तरह उन्हें धक्का-मुक्की से निकालकर कार में बैठाते हैं, लेकिन कार में बैठने के बाद भी निधि सहमी हुई नज़र आती हैं। यह दृश्य इंटरनेट पर आते ही वायरल हो गया।
पुलिस ने किस पर दर्ज किया केस?
गुरुवार को कुकटपल्ली हाउसिंग बोर्ड (KPHB) पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए बताया कि
- मॉल मैनेजमेंट
- इवेंट आयोजकों
के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक,
“एक सेलेब्रिटी को बुलाकर इवेंट बिना पूर्व अनुमति के आयोजित किया गया। सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के पर्याप्त इंतज़ाम नहीं थे।”
अधिकारियों ने यह भी कहा कि भीड़ प्रबंधन में हुई चूक और सुरक्षा व्यवस्था की भूमिका की जांच की जा रही है।
अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं
इस पूरे घटनाक्रम पर निधि अग्रवाल या फ़िल्म की प्रोडक्शन टीम की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि पुलिस जांच के दायरे में आयोजकों की प्लानिंग और सुरक्षा इंतज़ाम शामिल हैं।
सोशल मीडिया पर क्या कह रहे हैं लोग?
वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई।
- एक यूज़र ने लिखा, “ये बेहद डराने वाला है। कोई भी इस तरह के व्यवहार का हक़दार नहीं।”
- दूसरे यूज़र ने कहा, “वह एक पब्लिक फ़िगर हो सकती हैं, लेकिन सम्मान और सुरक्षा उनकी भी ज़िम्मेदारी है। लोग छूने की कोशिश क्यों करते हैं?”
- एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा गया,
-
“फ़ैन जब भीड़ बन जाए, तो ख़तरा बन जाती है। ऐसी घटनाएँ कभी भी त्रासदी में बदल सकती हैं।”
- कई लोगों ने आयोजकों की लापरवाही को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बेहतर सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण से यह घटना रोकी जा सकती थी।
बड़ा सवाल: ज़िम्मेदारी किसकी?
यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि
- क्या सेलेब्रिटी इवेंट्स में सुरक्षा मानकों का पालन हो रहा है?
- क्या आयोजक सिर्फ़ प्रचार पर ध्यान देते हैं और सुरक्षा को नज़रअंदाज़ कर देते हैं?
- और क्या प्रशंसकों में आत्म-संयम की कमी बढ़ती जा रही है?
