“जिन्होंने उम्र को मात दी, ज़िंदगी को रफ्तार दी… वो आज सड़क हादसे में थम गए।”
पंजाब के जालंधर से एक बेहद दुखद खबर आई है। दुनिया के सबसे बुजुर्ग और प्रेरणास्रोत मैराथन धावक फौजा सिंह का सोमवार को एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। वह 114 वर्ष के थे।
🚨 कैसे हुआ हादसा?
सोमवार की सुबह, फौजा सिंह जब अपने घर के बाहर सैर कर रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी।
हादसे के बाद कार मौके से फरार हो गई। परिजनों ने उन्हें तुरंत जालंधर के एक निजी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
🏃♂️ कौन थे फौजा सिंह?
- जन्म: 1911, पंजाब के जालंधर में
- पहचान: दुनिया के सबसे बुजुर्ग मैराथन धावक
- उपनाम: “टर्बन टॉरनेडो”, “रनिंग बाबा”, “सिख सुपरमैन”
- जीवन: भारत में कृषक, बाद में ब्रिटेन में बसेभाषा:
- आजीवन पंजाबी बोलने वाले, न अंग्रेज़ी न हिंदी
- संघर्ष: 5 साल की उम्र तक चल भी नहीं सकते थे, लेकिन बाद में बन गए दौड़ती हुई प्रेरणा
🏆 धावक के रूप में उपलब्धियां
- लंदन मैराथन (2003): 6 घंटे 2 मिनट
- टोरंटो वॉटरफ्रंट मैराथन (2003, उम्र 92): 5 घंटे 40 मिनट
- कई आयु वर्गों में विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किए
- 100 वर्ष की उम्र में भी दौड़ने वाले पहले इंसान
💬 कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दी श्रद्धांजलि
“महान मैराथन धावक फौजा सिंह जी के 114 वर्ष की आयु में एक सड़क दुर्घटना में निधन की खबर सुनकर अत्यंत दुःख हुआ। उनका असाधारण जीवन और अटूट साहस पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।”
— कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री, पंजाब
