प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दुनिया की दो सबसे बड़ी टेक कंपनियों – गूगल और मेटा – को नोटिस भेजा है। कारण है: ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स (Online Betting Apps) का प्रमोशन।
क्यों भेजा गया समन?
ED को जांच में पता चला है कि कई ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स, जो अवैध रूप से हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) में शामिल हैं, उन्हें गूगल (जैसे यूट्यूब, प्ले स्टोर) और मेटा (जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम) जैसे प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन और प्रमोशन के लिए स्पेस दिया गया। इससे उनकी लोकप्रियता और कमाई में इज़ाफा हुआ।
पूछताछ कब होगी?
- 21 जुलाई 2025 को गूगल और मेटा के प्रतिनिधियों को ED के सामने पेश होना होगा, जहां उनसे सवाल किए जाएंगे कि:
- उन्होंने किन शर्तों पर इन ऐप्स को विज्ञापन देने की अनुमति दी?
- क्या कंपनी को पता था कि ये ऐप मनी लॉन्ड्रिंग या जुए से जुड़े हैं?
- किसने प्रमोशन की अनुमति दी, और कितना पैसा लिया गया?
इस केस की पृष्ठभूमि:
- तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 5 FIR दर्ज हुई थीं।
- इन ऐप्स से जुड़े कई बड़े तेलुगु फिल्म सितारे जैसे विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज आदि से पहले ही पूछताछ हो चुकी है।
- जिन ऐप्स की जांच हो रही है, उनमें Junglee Rummy, A23, JeetWin, Parimatch, Lotus365 जैसे नाम प्रमुख हैं।
क्यों यह मामला अहम है?
यह जांच सिर्फ सट्टेबाजी पर ही नहीं, बल्कि भारत में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी और उनकी विज्ञापन नीति पर भी सवाल उठाती है। सरकार देखना चाहती है कि क्या गूगल और मेटा ने कानूनों का उल्लंघन कर अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दिया।