‘द केरल स्टोरी’ जैसी साजिश का भंडाफोड़: आगरा से दिल्ली तक फैला धर्मांतरण नेटवर्क

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में सामने आए धर्मांतरण गिरोह के एक बड़े खुलासे पर आधारित है, जिसे कई लोग “आगरा की द केरल स्टोरी” भी कह रहे हैं। इस पूरे मामले में खुफिया एजेंसियों और उत्तर प्रदेश पुलिस को बड़ी सफलता मिली है, क्योंकि उन्होंने इस साजिश के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। ये मामला एक साधारण आपराधिक केस नहीं, बल्कि एक संगठित ब्रेनवॉशिंग नेटवर्क का उदाहरण है, जो युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेल रहा था।

🧠 पूरा घटनाक्रम: कैसे खुली साजिश की परतें?

📍 अब्दुल रहमान – धर्मांतरण का मास्टरमाइंड

  • अब्दुल रहमान, जो फिरोजाबाद का मूल निवासी है, 1990 में हिंदू से मुस्लिम बना था।
  • वह कलीम सिद्दीकी का शिष्य बताया जा रहा है — वही कलीम जिसे पहले NIA कोर्ट से उम्रकैद की सजा हो चुकी है।
  • अब्दुल रहमान कलीम के जेल जाने के बाद धर्मांतरण का नेटवर्क स्वयं संचालित कर रहा था।

🏠 दिल्ली के मुस्तफाबाद से गिरफ्तारी

  • उसे दिल्ली से पकड़ा गया। उसके घर से भारी मात्रा में ब्रेनवॉशिंग सामग्री, इस्लामिक प्रचार की किताबें और एक युवती ममता (हरियाणा की) भी बरामद की गई।
  • ममता को धर्मांतरण के लिए लाया गया था। यानी ये गिरोह लोगों को मानसिक रूप से तैयार करता, फिर उन्हें इस्लाम अपनाने को कहता था।

📚 किस तरह किया जाता था ब्रेनवॉश?

  • पीड़ितों को बताया जाता था कि जन्नत में जाना है तो धर्मांतरण कराना ज़रूरी है।
  • लड़कियों को बुर्के की “सुरक्षा” का लालच देकर, इस्लामिक वीडियो, किताबें और मैसेज भेजे जाते थे।
  • इसी तरह सोशल मीडिया (Instagram पर “Connecting Revert” जैसी ID) के ज़रिए युवाओं को जोड़ा जाता।
  • इसे वे “रिश्ते जोड़ना” कहते थे – यानी नए लोगों को अपने नेटवर्क में शामिल करना।

🧑‍🤝‍🧑 आगरा की दो बहनों की कहानी – द केरल स्टोरी से मिलती-जुलती हकीकत

  • बड़ी बहन, M.Sc Zoology और M.Phil करने वाली एक पढ़ी-लिखी लड़की थी। NET की तैयारी के लिए आगरा की खंदारी कोचिंग में गई थी।
  • वहीं उसकी मुलाकात साइमा उर्फ खुशबू से हुई – जो उसे इस्लाम की अच्छाइयों के नाम पर प्रभावित करने लगी
  • पहले बुर्का पहनने, फिर नमाज, और फिर परिवार से अलग सोचने की प्रक्रिया शुरू हुई।
  • बाद में छोटी बहन का भी ब्रेनवॉश कर लिया गया। उन्हें यकीन दिलाया गया कि पढ़ाई और घर के काम से जन्नत नहीं मिलेगी, इसके लिए धर्मांतरण कराना ज़रूरी है।

🕵️‍♀️ एजेंसियों की सक्रियता और पूछताछ

  • अभी तक 11 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें 6 ऐसे हैं जो पहले हिंदू थे और बाद में मुस्लिम बने।
  • इनमें गोवा की आयशा (पहले नाम SB कृष्णा), कोलकाता के अली हसन (पहले शेखर राय), देहरादून का अबु रहमान (पहले रूपेन्द्र बघेल) शामिल हैं।
  • ATS, IB और STF लगातार इनसे पूछताछ कर रही हैं और नए लिंक खोजे जा रहे हैं।

📌 क्यों यह मामला गंभीर है?

  • यह कोई व्यक्तिगत धर्म परिवर्तन का मामला नहीं, बल्कि एक संगठित रैकेट है।
  • इस रैकेट की जड़ें उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली, कोलकाता और विदेश तक फैली हुई हैं।
  • यह देश की आंतरिक सुरक्षा, धार्मिक सौहार्द, और महिलाओं की आज़ादी को चुनौती देता है।

📺 मीडिया और समाज की ज़िम्मेदारी

“आगरा की द केरल स्टोरी” जैसी घटनाएँ सिर्फ फिल्मी नहीं रहीं, ये अब ज़मीनी हकीकत बनती जा रही हैं। ऐसी घटनाओं की जांच, रिपोर्टिंग और जनजागरूकता बेहद जरूरी है ताकि कोई और युवा इस तरह के ब्रेनवॉश का शिकार न हो।