दिल्ली की सियासी गर्मी सोमवार को अचानक और तेज़ हो गई, जब INDIA गठबंधन के 300 से ज़्यादा सांसदों और नेताओं ने चुनाव आयोग के खिलाफ पैदल मार्च किया। यह मार्च संसद भवन के मकर द्वार से शुरू होकर चुनाव आयोग के दफ्तर तक जाना था, लेकिन पुलिस ने बीच रास्ते में ही रोक दिया।
क्यों निकला ये मार्च?
मुख्य मुद्दा था — मतदाता सूची में कथित हेरफेर और वोट चोरी का आरोप। साथ ही बिहार में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR) प्रक्रिया को लेकर भी सवाल उठाए गए। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए दावा किया था कि 1,00,250 वोट चोरी हुए, जबकि यह सीट भाजपा ने पिछली बार सिर्फ 32,707 वोटों के अंतर से जीती थी। राहुल का आरोप — “ये एक संगठित मॉडल है, जिससे भाजपा को फायदा पहुँचाया जा रहा है।”
मार्च का नज़ारा
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नेतृत्व: राहुल गांधी सबसे आगे, हाथ में तिरंगा भावनाओं को जगाते हुए नारे लगाते।
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हाज़िरी: अखिलेश यादव, मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी, शरद पवार, अभिषेक बनर्जी, संजय सिंह समेत 25+ दलों के नेता।
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रफ्तार: नारे गूंजते — “वोट चोरी बंद करो”, “गली-गली में शोर है, चुनाव आयोग वोट चोर है।”
पुलिस ने लगाया ब्रेक
मार्च जैसे ही पीटीआई दफ्तर के पास पहुँचा, पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोक दिया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, “किसी ने भी इस प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं ली।”
लाउडस्पीकर से बार-बार चेतावनी दी जा रही थी, लेकिन विपक्षी नेता आगे बढ़ने पर अड़े रहे।
अखिलेश की छलांग, प्रियंका की ताली
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अखिलेश यादव: बिना देर किए बैरिकेड पर चढ़े और दूसरी तरफ छलांग लगा दी। फिर वहीं सड़क पर बैठकर धरना शुरू किया। बोले — “हमें रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया जा रहा है।”
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प्रियंका गांधी: लगातार ताली बजाकर साथियों का हौसला बढ़ाती रहीं, नारे लगाने में सबसे आगे दिखीं।
राहुल की हुंकार
पुलिस से आमना-सामना होने पर राहुल गांधी बहस करते नज़र आए। हिरासत में लिए जाने के बाद उन्होंने कहा:
“ये लड़ाई राजनीतिक नहीं है। ये संविधान बचाने की लड़ाई है। ये एक व्यक्ति, एक वोट की लड़ाई है। हम साफ़ और शुद्ध मतदाता सूची चाहते हैं।”
हिरासत और माहौल
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश समेत कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया।
मार्च शुरू करने से पहले सांसदों ने राष्ट्रगान गाया और तिरंगा लहराया।
बैठक-धरना के दौरान भी नारेबाज़ी जारी रही — “वोट चोरी बंद करो”, “चुनाव आयोग जागो”।
यह विरोध प्रदर्शन, राहुल गांधी द्वारा हाल ही में लगाए गए “वोट चोरी मॉडल” के आरोप के बाद, INDIA गठबंधन की एकजुटता और आक्रामक रणनीति का सार्वजनिक प्रदर्शन माना जा रहा है।
हालाँकि पुलिस रोक और अनुमति विवाद ने इसे और सुर्खियों में ला दिया।
