अनिल अंबानी पर ED की बड़ी कार्रवाई: 3000 करोड़ की संपत्ति जब्त, कई शहरों में घर-ऑफिस सील, मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा आरोप

अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ीं

देश के जाने-माने उद्योगपति और रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कस दिया है। 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक फंड हेराफेरी के आरोपों की जांच के सिलसिले में ईडी ने लगभग 3000 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है।

किन संपत्तियों पर चला ईडी का डंडा?

जब्त की गई संपत्तियों में शामिल हैं:

  • मुंबई के पाली हिल स्थित अनिल अंबानी का आलीशान घर
  • रिलायंस कम्युनिकेशन व रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की दिल्ली, नोएडा, मुंबई, गोवा, चेन्नई, पुणे और हैदराबाद स्थित फ्लैट, प्लॉट और ऑफिस
  • दिल्ली के महाराजा रणजीत सिंह मार्ग पर स्थित रिलायंस सेंटर (होटल रणजीत) – यह जगह 3 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली है और अंबानी का कॉर्पोरेट ऑफिस है

क्या है पूरा मामला?

ईडी ने आरोप लगाया है कि रिलायंस ग्रुप की कंपनियों ने बैंक फंड्स में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की।

  • बैंक से मिले कॉर्पोरेट लोन का एक बड़ा हिस्सा शेल कंपनियों और ग्रुप की अपनी अन्य इकाइयों में ट्रांसफर किया गया
  • पैसे का यह लेन-देन धोखाधड़ी के दायरे में आता है और मनी लॉन्ड्रिंग के संकेत देता है

सूत्रों के मुताबिक यह तंत्र जानबूझकर तैयार किया गया था ताकि बैंक के पैसे का अवैध उपयोग किया जा सके और उन्हें दूसरी जगहों पर ट्रांसफर करके ट्रैक छुपाया जा सके

जांच की दिशा

यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की जा रही है। ये केस मुख्यतः सीबीआई के दो एफआईआर पर आधारित हैं जिनमें अनिल अंबानी की कई कंपनियों पर बैंक फंड्स की कथित धोखाधड़ी का आरोप है।

अनिल अंबानी को देश छोड़ने पर पहले ही रोक लगी हुई है।
ईडी कई बार उनके मुंबई स्थित घर पर भी छापा मार चुकी है।
5 अगस्त को उन्हें दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में तलब कर पूछताछ की गई थी।

आगे क्या?

सूत्रों का कहना है कि आने वाले हफ्तों में और भी संपत्तियाँ जब्त की जा सकती हैं।
ईडी इस बात की जांच कर रही है कि ग्रुप के अलग-अलग नेटवर्क और बिज़नेस एंटिटीज़ के जरिए किस तरह लेन-देन और पैसा ट्रांसफर किया गया।