गुजरात के वडोदरा में पुल हादसा, मंजर भयावह — SDRF और NDRF की टीमें मौके पर जुटीं राहत कार्य में

गुजरात के वडोदरा जिले में मंगलवार को हुए गंभीरा पुल हादसे ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। महिसागर नदी पर बना यह पुल उस समय टूट गया, जब पुल पर दर्जनों लोग और वाहन गुजर रहे थे। हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य लापता हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन 24 घंटे बाद भी जारी है।

🛑 कैसे हुआ हादसा?

*घटना पडरा क्षेत्र की है, जहां वडोदरा और आंणद को जोड़ने वाला यह पुल बना था

*मंगलवार दोपहर, पुल पर एक साथ कई वाहन गुजर रहे थे

*अचानक दो खंभों के बीच का स्लैब ध्वस्त हो गया, जिससे वाहन और लोग नदी में गिर पड़े

*1985 में बना था यह पुल, हाल ही में इसकी मरम्मत हुई थी

🚨 रेस्क्यू ऑपरेशन में क्या हो रहा है?

*SDRF और NDRF की टीमें मौके पर तैनात

*गोताखोरों की मदद से लापता लोगों की तलाश

*मलबा हटाने के लिए मशीनें और नावें लगाई गईं

*एनडीआरएफ कमांडेंट सुरेंद्र सिंह ने बताया:

“स्थिति बेहद गंभीर है, हमने एक के बाद एक तीन टीमें तैनात कीं। शवों को बाहर निकाला जा रहा है, लेकिन कुछ वाहन अब भी नदी में हैं।”

🧑‍💼 प्रशासन और सरकार का क्या रुख?

*वडोदरा कलेक्टर अनिल धमेलिया ने घटनास्थल का निरीक्षण किया

*गुजरात के मंत्री ऋषिकेश पटेल बोले:

“पुल का निर्माण 1985 में हुआ था और समय-समय पर मरम्मत होती रही। घटना के कारणों की जांच होगी।”

🏛️ प्रधानमंत्री ने जताया दुख, मुआवजे का ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर शोक व्यक्त किया और कहा:

“वडोदरा में पुल हादसे से हुई जनहानि अत्यंत दुखद है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”

*मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख

*घायलों को ₹50,000
(प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से)

📸 क्या कहती हैं तस्वीरें?

*दो खंभों के बीच पुल का पूरा हिस्सा गायब

*करीब 900 मीटर लंबा था यह पुल

*पुल पर कुल 23 खंभे, जिनमें से एक सेक्शन ढहा

*सरकार ने 3 महीने पहले ही ₹212 करोड़ की लागत से नया पुल बनाने की मंजूरी दी थी

*डिज़ाइन और टेंडरिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी

अब उठ रहे हैं ये सवाल:

*क्या मरम्मत के नाम पर घटिया निर्माण किया गया था?

*पुल की लोड कैपेसिटी को लेकर लापरवाही तो नहीं हुई?

*आखिर मरम्मत के बावजूद पुल कैसे गिरा?