देश के गृह मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह ने मंगलवार को अपने राजनीतिक जीवन के बाद के प्लान को सार्वजनिक रूप से साझा किया। उन्होंने कहा कि जब वह राजनीति से संन्यास लेंगे, तो शेष जीवन वेद, उपनिषद और प्राकृतिक खेती को समर्पित करेंगे।
अमित शाह दिल्ली में आयोजित ‘सहकार संवाद’ कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिसमें गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों की महिलाएं और सहकारी क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल हुए थे।
🌾 प्राकृतिक खेती को बताया भविष्य की जरूरत
अमित शाह ने कहा,
“मैंने तय कर लिया है कि जब राजनीति से रिटायर होऊंगा, तो वेद, उपनिषद और प्राकृतिक खेती पर ध्यान केंद्रित करूंगा।”
उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती विज्ञान सम्मत है और इसके स्वास्थ्य, पर्यावरण और आर्थिक लाभ व्यापक हैं। उन्होंने उर्वरकों पर निर्भरता घटाने के लिए सहकारी क्षेत्र से बड़ी भूमिका निभाने की अपील की।
🐪 ऊंट का दूध बना आत्मनिर्भरता का जरिया
कार्यक्रम के दौरान गुजरात की मिराल बेन राबरी ने अमित शाह को बताया कि कैसे सहकारी समितियों की मदद से ऊंट का दूध, जिसे औषधीय गुणों वाला माना जाता है, बाजार तक पहुंचाया गया। इससे किसानों को अच्छी आमदनी हो रही है और स्वास्थ्य लाभ भी लोगों तक पहुंच रहे हैं।
🏛️ सहयोग मंत्रालय के 4 साल और अमूल की प्रगति पर जोर
‘सहकार संवाद’ कार्यक्रम के मंच से अमित शाह ने:
*सहयोग मंत्रालय के 4 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई दी
*अमूल डेयरी के विकास कार्यों का उद्घाटन किया
*सहकारिता के विस्तार के लिए 5P मॉडल पर बल दिया:
*People (लोग)
-PACS (प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ)
-Platform (डिजिटल प्लेटफॉर्म)
-Policy (नीतियां)
-Prosperity (समृद्धि)
🏞️ सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर नई पहलें
कार्यक्रम आनंद, गुजरात में भी आयोजित हुआ, जहां सरदार पटेल की 150वीं जयंती के मौके पर कई नई सहकारी योजनाओं की शुरुआत की गई। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सहकारिता आंदोलन को नई दिशा मिल रही है।
