उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही ने एक बार फिर से इंसानियत को शर्मसार कर दिया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) बकेवर में ताला लटक रहा था, और प्रसव पीड़ा से जूझती महिला को मजबूरी में अस्पताल के बाहर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा।
🕒 घटनाक्रम: तड़के 3 बजे से सुबह 8 बजे तक
**अनुराधा देवी (30), निवासी देवमई गांव, सोमवार देर रात अपने दो बच्चों के साथ PHC बकेवर पहुंची थीं।
**केंद्र के दरवाजे पर ताला लटका हुआ था और वहां कोई भी डॉक्टर या स्टाफ मौजूद नहीं था।
**उन्होंने 112 और 108 एंबुलेंस सेवा पर भी कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
**भोर करीब 5 बजे, अस्पताल के बरामदे में ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया।
**सुबह 8 बजे जब स्वास्थ्यकर्मी पहुंचे, तब जाकर जच्चा और बच्चा को अस्पताल में भर्ती किया गया।
📢 राजनीतिक प्रतिक्रिया: कांग्रेस का तीखा हमला
इस शर्मनाक घटना पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने योगी सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था को आड़े हाथों लिया।
पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा –
“जब प्रदेश में अस्पतालों पर ताले लगे हों, तो जनता की जान भगवान भरोसे है। यह घटना न सिर्फ लापरवाही है, बल्कि सरकार की संवेदनहीनता का भी सबूत है।”
📉 PHC बकेवर: व्यवस्था या विफलता?
***बकेवर PHC में रात के समय कोई भी चिकित्सा कर्मचारी तैनात नहीं होता, यह स्थानीय लोगों के लिए आम समस्या बन चुकी है।
***स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि “तत्काल कार्रवाई कर दोषियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।”
👩👦 फिलहाल जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित
अस्पताल में भर्ती अनुराधा देवी और नवजात की स्थिति स्थिर है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर मदद समय पर मिल जाती, तो जान का जोखिम टाला जा सकता था।