प्रतापगढ़ में संविदाकर्मी की करंट से मौत पर बड़ी कार्रवाई…लापरवाही बनी जानलेवा, एसडीओ और जेई पर गिरी गाज
प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) में लापरवाही की कीमत एक संविदाकर्मी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। जिले के आसपुर देवसरा क्षेत्र के बासूपुर गांव में मंगलवार को ढिंढुई विद्युत उपकेंद्र पर तैनात संविदाकर्मी राजीव कुमार गुप्ता (निवासी – सैफाबाद) की एचटी लाइन की मरम्मत के दौरान करंट लगने से मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
हादसे के बाद मृतक के परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। उन्होंने बिजली विभाग पर सीधे-सीधे शटडाउन के बावजूद बिजली चालू कर देने का आरोप लगाया। गुस्साए लोगों ने शव के साथ घर के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए।
इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए वाराणसी ट्रांसमिशन जोन के प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने तत्काल सख्त कदम उठाते हुए ढिंढुई उपकेंद्र के एसडीओ सृजन कुमार और जेई शंभू सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
इसके साथ ही पूरे मामले की जांच का जिम्मा प्रतापगढ़ सदर के एक्सईएन को सौंपा गया है, जिन्हें 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
🔥 तीखे सवाल
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शटडाउन के बावजूद कैसे बहाल हुई बिजली आपूर्ति?
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क्या संविदाकर्मियों की सुरक्षा महज एक औपचारिकता बनकर रह गई है?
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लापरवाही के लिए सिर्फ निलंबन ही काफी है?
⚡ यूपीपीसीएल में सिस्टम फेल या जिम्मेदार बेलगाम?
प्रतापगढ़ की इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि संविदाकर्मियों की जान बिजली विभाग के लिए सस्ती मजदूरी से ज्यादा कुछ नहीं। विभाग के बड़े अफसरों के कार्यक्रम में एक बल्ब गुल हो तो पांच अफसर सस्पेंड – लेकिन ज़मीन पर जान चली जाए तो सिर्फ एक “नोटिस” और “निलंबन”?
अब वक्त है कि यूपीपीसीएल को जवाबदेह बनाया जाए।
🖋️ रिपोर्ट: आवाज़ प्लस
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