राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता और मनेर से विधायक भाई वीरेंद्र एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार उन पर गंभीर आरोप पंचायत सचिव संदीप कुमार ने लगाए हैं, जिन्होंने विधायक के खिलाफ पटना के एससी-एसटी थाने में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई है। आरोप यह है कि भाई वीरेंद्र ने पंचायत सचिव को फोन पर धमकाया, गाली-गलौज की और जूते से मारने की धमकी दी।
📞 क्या है पूरा मामला?
घटना की शुरुआत एक फोन कॉल से हुई, जिसमें विधायक भाई वीरेंद्र ने पंचायत सचिव संदीप कुमार से संपर्क किया था। विधायक किसी स्थानीय निवासी के मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के संबंध में सचिव से बात करना चाहते थे। जब सचिव ने कॉल उठाई, तो शुरुआत में वे विधायक को पहचान नहीं सके। इस पर विधायक भड़क गए और बोले, “तुम मुझे नहीं पहचानते हो? मुझे पूरा हिंदुस्तान जानता है।”
इसके बाद बातचीत का लहजा तेज हो गया और कथित रूप से भाई वीरेंद्र ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए धमकी दी कि “जूते से मारूंगा तुम्हें।” यह ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे मामला और गर्मा गया।
📲 ऑडियो क्लिप से बढ़ा बवाल
ऑडियो में पंचायत सचिव की आवाज और विधायक जैसी आवाज में अभद्र भाषा और धमकी स्पष्ट सुनाई देती है। हालांकि अब तक यह तकनीकी रूप से प्रमाणित नहीं हुआ है कि वायरल ऑडियो में आवाज वास्तव में भाई वीरेंद्र की ही है, लेकिन प्रारंभिक सुनवाई और पहचान के आधार पर सचिव ने FIR दर्ज करवा दी है।
👮 FIR में क्या लिखा गया है?
पंचायत सचिव संदीप कुमार ने FIR में यह आरोप लगाया है कि:
- विधायक ने उन्हें फोन पर गालियां दीं।
- उन्हें जूते से मारने की धमकी दी गई।
- उनके काम में बाधा पहुंचाने की कोशिश की गई।
- अनुसूचित जाति का होने के कारण उन्हें मानसिक प्रताड़ना दी गई।
इस शिकायत के आधार पर SC-ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
🗳️ राजनीतिक गलियारों में हलचल
यह मामला सामने आते ही पटना सहित पूरे बिहार के राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। एक तरफ RJD के विरोधी दलों ने इस घटना को लेकर भाई वीरेंद्र और पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, वहीं दूसरी तरफ RJD ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि विधायक भाई वीरेंद्र इससे पहले भी विवादों में रह चुके हैं। वे अपने उग्र भाषणों और आक्रामक अंदाज के लिए जाने जाते हैं।
सवाल उठते हैं…
- क्या एक जनप्रतिनिधि को सरकारी अधिकारी से इस तरह व्यवहार करने का अधिकार है?
- क्या पंचायत सचिव की सुरक्षा और गरिमा की रक्षा के लिए सरकार और प्रशासन ठोस कदम उठाएंगे?
- क्या SC-ST एक्ट के तहत कार्रवाई निष्पक्ष और प्रभावी होगी?
🔍 आगे की कार्रवाई
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वायरल ऑडियो की फोरेंसिक जांच भी कराई जा सकती है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आवाज वास्तव में विधायक की ही है या नहीं। उधर पंचायत सचिव के समर्थन में कई कर्मचारी संगठन भी आ सकते हैं, जिससे यह मामला और तूल पकड़ सकता है।
