राजस्थान में सरकारी स्कूलों की लापरवाही एक बार फिर मासूम जिंदगी पर भारी पड़ी है। जैसलमेर जिले के पूनमनगर (हाबूर) गांव स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में सोमवार सुबह एक भयावह हादसा हुआ, जिसमें स्कूल का भारी भरकम मुख्य गेट अचानक भरभराकर गिर पड़ा।
इस हादसे में 9 वर्षीय छात्र अरबाज खान की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। वहीं एक शिक्षक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे तुरंत इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। उनकी स्थिति अभी स्थिर बताई जा रही है।
📍 कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों और स्कूल प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुबह 8:30 बजे के करीब बच्चे स्कूल में प्रवेश कर रहे थे। उसी दौरान जर्जर हालत में वर्षों से खड़ा स्कूल का मुख्य गेट अचानक गिर गया। दुर्भाग्य से अरबाज गेट के ठीक नीचे आ गया और बुरी तरह कुचल गया। जब तक लोग कुछ समझ पाते, तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं।
घटना के बाद स्कूल परिसर में कोहराम मच गया। शिक्षक और ग्रामीण मौके पर दौड़े आए, लेकिन अरबाज को नहीं बचाया जा सका। घायल शिक्षक को तुरंत प्राथमिक उपचार के बाद रेफर किया गया।
🏫 स्कूल भवन की हालत और प्रशासन की लापरवाही पर सवाल
इस हादसे ने सरकारी स्कूलों की जर्जर संरचना और निरीक्षण की घोर कमी को एक बार फिर उजागर कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल का मुख्य गेट कई सालों से जंग खाया और कमजोर हो चुका था, लेकिन प्रशासन और शिक्षा विभाग ने इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि स्कूल की कई दीवारें और भवन भी खराब स्थिति में हैं, जिससे भविष्य में और भी हादसे होने की आशंका है।
🧒 छात्र अरबाज कौन था?
अरबाज खान मात्र 9 वर्ष का था और गांव के एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता था। वह पढ़ाई में होशियार और संस्कारी बच्चा था। उसकी आकस्मिक मौत से गांव में मातम पसरा है। परिजन और ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
📣 स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग पर सवाल
हादसे के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। स्थानीय लोगों ने शिक्षा विभाग, पीडब्ल्यूडी और पंचायत अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मांग की है कि:
- स्कूल के भवनों का तुरंत निरीक्षण कर मरम्मत कराई जाए
- दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो
- मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा मिले
- घायल शिक्षक को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाए
🧾 सरकार की ओर से क्या कदम उठाए गए?
अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है, केवल प्राथमिक जांच शुरू होने की सूचना दी गई है। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे राज्य में शिक्षा ढांचे पर चिंता खड़ी कर दी है।
यह सवाल जरूरी है:
- क्या अरबाज की मौत टाली नहीं जा सकती थी?
- क्या स्कूलों के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी तय नहीं की जानी चाहिए?
- कितने और बच्चे ऐसे हादसों में जान गंवाएंगे?
