16 सितंबर का दिन हर साल वित्त मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह के परिवार के लिए खुशियों से भरा होता था। इसी दिन उनके इकलौते बेटे का जन्म हुआ था। पिता हर साल बड़े उत्साह से यह दिन मनाते, अपने हाथों से केक कटवाते और बेटे की मुस्कान में अपनी दुनिया ढूंढ लेते। लेकिन इस साल वही तारीख आंसुओं और दर्द से भरी याद बन गई।
इस बार बेटे का जन्मदिन तो आया, लेकिन पिता नहीं थे। बीते रविवार को दिल्ली के धौला कुआं इलाके में हुए सड़क हादसे में नवजोत सिंह की मौत हो गई।
पिता का आखिरी सरप्राइज
नवजोत सिंह ने बेटे के लिए जन्मदिन का गिफ्ट पहले ही ऑनलाइन बुक कर दिया था। संयोग देखिए, हादसे के बाद ठीक जन्मदिन के दिन ही वह गिफ्ट घर पहुंचा। परिवार के लोग मौजूद थे, गिफ्ट भी आ गया, लेकिन जिसने भेजा था—वह अब इस दुनिया में नहीं था।
इसी जन्मदिन पर बेटे ने केक देखा, लेकिन पिता का हाथ सिर पर नहीं था।
जिन भावनाओं के साथ पिता ने उपहार भेजा था, वही अब अधूरी स्मृति बनकर रह गई।
जन्मदिन और अंतिम संस्कार एक ही दिन
जिस दिन हर साल पिता बेटे के साथ केक काटते थे, उसी दिन बेटे को पिता की अर्थी को कंधा देना पड़ा।
परिवार की हालत देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। पत्नी संदीप कौर अपने जीवनसाथी को अंतिम बार देख रही थीं।
हादसा कैसे हुआ?
- रविवार को नवजोत सिंह और उनकी पत्नी संदीप कौर बाइक पर लौट रहे थे।
- तभी उनकी बाइक बीएमडब्ल्यू कार और बस की चपेट में आ गई।
- कार को 38 वर्षीय गगनप्रीत मक्कड़ चला रही थीं।
- CCTV फुटेज में दिखा कि कार पहले डिवाइडर से टकराई, फिर पलट गई और उसी वक्त वहां से गुजर रही नवजोत की बाइक इसकी चपेट में आ गई।
- हादसे के बाद नवजोत की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं।
आरोपी की स्थिति
- पुलिस ने गगनप्रीत मक्कड़ को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।
- अदालत ने उन्हें दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
- हादसे में घायल गगनप्रीत और उनका पति फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं।
- जांच में सामने आया कि गगनप्रीत ने नवजोत और उनकी पत्नी को जिस अस्पताल में भर्ती कराया, उसका मालिक उनसे निजी तौर पर परिचित था।
चश्मदीदों की गवाही
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक:
- हादसे के वक्त कार महिला चला रही थी और उसके साथ उसका पति भी मौजूद था।
- कार ने बाइक को टक्कर मारी, जिसके बाद बाइक डिवाइडर और फिर बस से भिड़ गई।
- नवजोत और उनकी पत्नी सड़क पर गिर पड़े।
- कार सवार दंपती ने उन्हें कैब बुलाकर अस्पताल पहुँचाया, लेकिन डॉक्टर नवजोत को बचा नहीं सके।
👉 यह घटना केवल एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि एक परिवार की खुशियों को पलभर में तबाह कर देने वाली त्रासदी है।
👉 बेटे का जन्मदिन, पिता का आखिरी गिफ्ट और अर्थी का बोझ—सब एक ही दिन ने देखा।