हाल ही में लद्दाख में हुए विरोध प्रदर्शन और उसके बाद सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने राष्ट्रीय राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है और केंद्र की कार्रवाई को न केवल गलत ठहराया, बल्कि इसे लद्दाखियों की आवाज दबाने की कोशिश बताया है।
हिंसा की पृष्ठभूमि
24 सितंबर 2025 को लद्दाख में सोनम वांगचुक के नेतृत्व में एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन चल रहा था। वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे थे।
हालांकि, विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय भाजपा कार्यालय और कुछ वाहनों में आग लगाई। सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसमें 4 लोगों की मौत और करीब 80 लोग घायल हुए।
इस हिंसा के बाद पुलिस ने सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया। उन पर भड़काऊ बयानों का आरोप लगा और उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत जोधपुर सेंट्रल जेल में भेज दिया गया। NSA के तहत गिरफ्तारी के बाद व्यक्ति को बिना आरोप के लंबे समय तक हिरासत में रखा जा सकता है और ज़मानत का अधिकार नहीं होता।
राहुल गांधी का बयान
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर केंद्र सरकार को तेखा कटाक्ष किया। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा,
“लद्दाख के अद्भुत लोग, संस्कृति और परंपराएं बीजेपी और आरएसएस के निशाने पर हैं। लद्दाखियों ने आवाज उठाई। बीजेपी ने चार युवकों की हत्या करके और सोनम वांगचुक को जेल में डालकर जवाब दिया।”
राहुल गांधी का यह बयान स्पष्ट रूप से मोदी सरकार की नीतियों और लद्दाख में बीजेपी और आरएसएस की कथित गतिविधियों पर केंद्रित है। उन्होंने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का समर्थन किया और केंद्र से लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग की।
सुरक्षा एजेंसियों का दावा
इस घटना के बाद, लद्दाख पुलिस ने बताया कि एक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी (PIO) को गिरफ्तार किया गया है, जो कथित रूप से सोनम वांगचुक के संपर्क में था। यह आरोप सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से जारी किया गया था और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताया गया।
वांगचुक का रुख
गिरफ्तारी के बाद सोनम वांगचुक ने अपना 15 दिन का अनशन खत्म किया और अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने हिंसा से दूरी बनाई और लोगों को सामूहिक हिंसा से बचने के लिए प्रेरित किया।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
- इस मामले ने लद्दाख में हुए विरोध प्रदर्शन को राष्ट्रीय स्तर का राजनीतिक मुद्दा बना दिया।
- राहुल गांधी के बयान ने इस घटना पर केंद्र की आलोचना को मजबूत किया।
- सरकार की नीतियों, विशेषकर NSA का इस्तेमाल और क्षेत्रीय प्रशासन की कार्रवाई पर बहस बढ़ गई।
निष्कर्ष
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और राहुल गांधी का बयान इस बात को रेखांकित करता है कि लद्दाख में राजनीतिक, सामाजिक और सुरक्षा संबंधी संवेदनशीलता उच्च स्तर पर है। यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन की क्षमता पर सवाल उठाता है, बल्कि देश की राजनीतिक नीतियों, मानवाधिकार और संवैधानिक मांगों पर भी गंभीर बहस को जन्म देता है।
