हरियाणा के यमुनानगर में दिसंबर की शुरुआत में मिली एक सिरकटी लाश ने पुलिस और पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। शुरुआत में यह मामला एक अज्ञात महिला की हत्या लग रहा था, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, एक ऐसी खौफनाक साजिश सामने आई, जिसमें लिव-इन रिलेशनशिप, दूसरी शादी, पहचान छुपाने की साजिश और बारात से ठीक पहले गिरफ्तारी जैसी चौंकाने वाली कड़ियाँ जुड़ती चली गईं।
नर्सरी में मिली सिरकटी लाश
7 दिसंबर को यमुनानगर के बहादुरगढ़ गांव में एक नर्सरी से पुलिस को एक युवती की बिना सिर की अर्धनग्न लाश मिली। शरीर पर आधे कपड़े गायब थे, जिससे हत्या बेहद निर्मम प्रतीत हो रही थी। पुलिस ने आसपास के थानों में सूचना भेजी, पहचान कराने की कोशिश की, लेकिन तय समय तक जब कोई दावा सामने नहीं आया, तो मजबूरी में अज्ञात शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन यह साफ था कि युवती की हत्या की गई थी।
जांच में खुलने लगी परतें
डीएसपी रजत गुलिया और आशीष चौधरी के नेतृत्व में विशेष टीमें बनाई गईं।
- आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए
- संदिग्ध वाहनों की मूवमेंट ट्रैक की गई
- मोबाइल लोकेशन और रूट एनालिसिस के जरिए पुलिस की जांच उत्तर प्रदेश के सहारनपुर तक पहुंची
यहीं से इस अंधे कत्ल की कहानी को चेहरा मिला।
कौन थी उमा?
मृतका की पहचान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के गांव हलालपुर की रहने वाली 30 वर्षीय उमा के रूप में हुई।
- उमा करीब 12 साल पहले घर से भाग गई थी
- उसकी शादी हो चुकी थी और वह बच्चों की मां थी
- पति से अनबन के कारण वह अलग रह रही थी
इसी दौरान उसकी मुलाकात टैक्सी चालक बिलाल से हुई। दोनों पिछले दो साल से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे।
शादी और हत्या की साजिश
15 दिसंबर को बिलाल की शादी तय थी। उसे उत्तराखंड के रुड़की बारात लेकर जानी थी।
लेकिन बिलाल को डर था कि उसकी हिंदू प्रेमिका उमा शादी में बाधा बन सकती है। इसी डर ने उसे हत्या की साजिश रचने पर मजबूर कर दिया।
घूमाने के बहाने मौत का सफर
6 दिसंबर को बिलाल, उमा को घुमाने के बहाने कार में बैठाकर सहारनपुर से निकला।
- दोनों पहले हरियाणा होते हुए
- फिर हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब पहुंचे
बिलाल ने वहां रात गुजारने के लिए होटल ढूंढने की कोशिश की, लेकिन कमरा नहीं मिला।
हत्या की जगह बदलता रहा प्लान
इसके बाद दोनों वापस यमुनानगर की ओर लौटे।
- पहले बिलाल ने कलेसर क्षेत्र में हत्या का प्लान बनाया
- लेकिन वहां वाहनों की आवाजाही ज्यादा होने के कारण वह रुक गया
आखिरकार उसने यमुनानगर के बहादुरगढ़ गांव को चुना।
सीट बेल्ट से गला घोंटा, सिर अलग किया
गांव के पास कार में ही बिलाल ने
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सीट बेल्ट से उमा का गला घोंट दिया
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हत्या के बाद चाकू से गर्दन धड़ से अलग कर दी, ताकि पहचान न हो सके
उमा का सिर उसने
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हरियाणा–हिमाचल बॉर्डर पर
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कलेसर के पास लालढांग जंगल क्षेत्र में करीब 12 किलोमीटर दूर फेंक दिया
जबकि धड़ को बहादुरगढ़ गांव की नर्सरी में डाल दिया।
बिलाल को उम्मीद थी कि जंगली जानवर शव को नष्ट कर देंगे और उसकी पहचान कभी नहीं हो पाएगी।
पुलिस ने कैसे पकड़ा आरोपी
शव मिलने के बाद पुलिस की गहन जांच
- सीसीटीवी
- वाहन रूट
- मोबाइल लोकेशन
के जरिए सहारनपुर तक पहुंची।
पूछताछ में बिलाल टूट गया और उसने पूरा जुर्म कबूल कर लिया।
13 दिसंबर को पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और चार दिन के रिमांड पर लिया। उसकी निशानदेही पर उमा का कटा हुआ सिर भी बरामद कर लिया गया।
बारात से ठीक पहले गिरफ्तारी
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि
- गिरफ्तारी के अगले ही दिन
- बिलाल अपने भाई के साथ बारात निकालने की तैयारी में जुटा था
लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी साजिश का पर्दाफाश कर दिया।
निष्कर्ष
उमा की हत्या सिर्फ एक कत्ल नहीं, बल्कि धोखे, डर और अमानवीय सोच की भयावह मिसाल है। शादी की राह आसान करने के लिए एक इंसान ने उस महिला की बेरहमी से हत्या कर दी, जिसके साथ वह दो साल तक रिश्ते में रहा। यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि अपराध कितना योजनाबद्ध और क्रूर हो सकता है, और कानून से बच पाना कितना मुश्किल।
