प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) सुधार लागू किया है। इस सुधार के तहत अब देश में केवल दो टैक्स स्लैब होंगे – 5% और 18%। इससे पहले 12% और 28% स्लैब में आने वाले कई उत्पाद अब इन दो नई श्रेणियों में आएंगे, जिससे उनकी कीमतें घटेंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे ‘GST बचत उत्सव’ कहा और जनता को यह संदेश दिया कि इससे रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी और हर वर्ग के लोग इसका लाभ उठाएंगे।
आम आदमी पार्टी (AAP) का विरोध
AAP की नेता प्रियंका कक्कर ने इस सुधार पर केंद्र सरकार और बीजेपी की आलोचना की। उनके मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- उन्होंने कहा कि बीजेपी और सरकार जनता को बेवकूफ समझ रही हैं।
- उनका आरोप है कि सरकार ने पूंजीपतियों को भारी राहत दी, जैसे:
- 14 लाख करोड़ रुपये का बकाया माफ करना।
- कॉर्पोरेट टैक्स में सालाना 1 लाख करोड़ रुपये की छूट देना।
- इस दौरान आम जनता से रोजमर्रा की वस्तुओं जैसे दूध, दही, छाछ, पूजा सामग्री पर टैक्स लिया गया।
प्रियंका ने यह भी कहा कि घरेलू बचत आज 50 वर्षों में सबसे कम है और विनिर्माण क्षेत्र कमजोर हुआ है।
जनता और किसानों के लिए चिंता
AAP का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार का ध्यान सिर्फ बड़े पूंजीपतियों पर है, जबकि आम नागरिक और किसान अभी भी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
- प्रियंका कक्कर ने उदाहरण दिया कि सस्ता रूसी तेल खरीदकर पूंजीपति मुनाफा कमाते हैं, जबकि आम जनता को महंगा तेल खरीदना पड़ता है।
- उन्होंने पंजाब के किसानों के हक का 60 हजार करोड़ देने और अमेरिका से आने वाली कपास पर टैक्स लगाने की मांग की, ताकि किसानों को आर्थिक लाभ मिले।
AAP का मुख्य तर्क है कि जीएसटी सुधार से सिर्फ दिखावटी लाभ नहीं होना चाहिए, बल्कि वास्तविक रूप से आम जनता और किसानों के लिए असर दिखना चाहिए।
पीएम मोदी का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा:
- जीएसटी सुधार हर वर्ग के लिए लाभकारी होगा।
- इसे ‘GST बचत उत्सव’ कहा गया है।
- नई टैक्स प्रणाली के साथ निवेश और उद्यमिता के अवसर बढ़ेंगे।
- यह सुधार देश में आर्थिक सरलीकरण और विकास की दिशा में कदम है।
उन्होंने इस अवसर पर यह भी कहा कि यह नवरात्रि का पर्व नई ऊर्जा और उत्साह लेकर आए, साथ ही समाज के हर वर्ग को इसका लाभ मिलेगा।
निष्कर्ष
इस मामले में दो दृष्टिकोण सामने आते हैं:
- केंद्र सरकार का दृष्टिकोण: जीएसटी सुधार से टैक्स प्रणाली सरल और पारदर्शी होगी, रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें कम होंगी और निवेश व उद्यमिता के अवसर बढ़ेंगे।
- AAP का दृष्टिकोण: सरकार केवल पूंजीपतियों को लाभ दे रही है, जबकि आम जनता और किसानों के लिए वास्तविक लाभ कम है। उनका आरोप है कि सरकार जनता को बेवकूफ समझ रही है और केवल दिखावे के लिए सुधार किया जा रहा है।
इस मुद्दे पर बहस जारी है और यह स्पष्ट है कि जीएसटी सुधार का असली असर आम लोगों की जेब पर और किसानों की आर्थिक स्थिति पर कितना पड़ेगा, यह आने वाले महीनों में ही दिखेगा।
