महाराष्ट्र के अकोला में पांच साल की बच्ची के साथ सौतेले पिता द्वारा किया गया दुष्कर्म और उसकी गंभीर हालत, साथ ही ओडिशा और दिल्ली में सामने आए समान मामले, यह दर्शाते हैं कि बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा एक गंभीर सामाजिक समस्या है।
मुख्य बिंदु:
महाराष्ट्र (अकोला) मामला:
- घटना: एक सौतेले पिता ने अपनी 5 साल की सौतेली बेटी के साथ घर में अकेले होने पर दुष्कर्म किया। यह तब हुआ जब बच्ची की मां नवरात्रि के लिए गरबा खेलने गई थी।
- स्थिति: बच्ची गंभीर हालत में ICU में भर्ती है। मां को बच्ची की कराहने की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद उसने घटना का खुलासा किया और बच्ची को अस्पताल ले जाया गया।
- पुलिस कार्रवाई: आरोपी सौतेले पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है।
ओडिशा मामला:
- निर्णय: भुवनेश्वर की विशेष पॉक्सो कोर्ट ने 25 सितंबर को एक व्यक्ति को अपनी 8 साल की बेटी के साथ बार-बार दुष्कर्म करने के लिए 20 साल की सजा सुनाई।
- विवरण: 13 गवाहों और 77 दस्तावेजों के आधार पर दोषी ठहराया गया। दोषी पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया, जिसके न चुकाने पर तीन महीने की अतिरिक्त सजा होगी।
दिल्ली मामला:
- निर्णय: दिल्ली उच्च न्यायालय ने 16 सितंबर को एक व्यक्ति की जमानत रद्द की, जो अपनी बेटी के साथ 10 साल की उम्र से बार-बार दुष्कर्म कर रहा था।
- न्यायाधीश का बयान: जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि पिता द्वारा अपनी बेटी का शारीरिक और यौन शोषण अत्यंत निंदनीय है, क्योंकि पिता का कर्तव्य अपनी बेटी की सुरक्षा करना है।
विश्लेषण:
- सामाजिक चिंता: ये मामले बच्चों के प्रति यौन हिंसा की गंभीरता को दर्शाते हैं, खासकर उन लोगों द्वारा जो उनके संरक्षक होने चाहिए। यह विश्वासघात और क्रूरता का चरम रूप है।
- कानूनी कार्रवाई: पॉक्सो एक्ट और त्वरित सुनवाई से दोषियों को सजा मिल रही है, जो एक सकारात्मक कदम है। हालांकि, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त उपायों की जरूरत है।
- जागरूकता और रोकथाम: समाज में जागरूकता, बच्चों को यौन शिक्षा, और परिवारों में संवाद की आवश्यकता है। साथ ही, माता-पिता को बच्चों की सुरक्षा के लिए अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।
