सहारा शहर पर शिकंजा: ताले-जंजीर लेकर पहुंचे अफसर, कर्मचारियों की मौजूदगी देख 3 दिन की मोहलत देकर लौटे

राजधानी लखनऊ में सहारा शहर को लेकर नगर निगम और सहारा इंडिया हाउसिंग लिमिटेड के बीच चल रहा विवाद अब निर्णायक मोड़ पर पहुँच चुका है। बुधवार को नगर निगम की बड़ी टीम ताले-जंजीर और पुलिस बल के साथ सहारा शहर को सील करने पहुंची थी, लेकिन अंदर रह रहे कर्मचारियों और उनके परिवारों की बड़ी तादाद देखकर कार्रवाई को टाल दिया गया। सहारा प्रबंधन की गुजारिश पर अधिकारियों ने तीन दिन की अतिरिक्त मोहलत दी है। नगर आयुक्त गौरव कुमार का कहना है कि दशहरा के बाद किसी भी हाल में सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी।

जमीन लीज और शर्तों का उल्लंघन

नगर निगम ने साल 1994 में सहारा इंडिया हाउसिंग लिमिटेड को 170 एकड़ जमीन 30 साल की लीज पर दी थी। शर्त यह थी कि कंपनी यहां पर प्लॉट और मकान बनाकर आम लोगों के लिए आवासीय योजना विकसित करेगी। लेकिन कंपनी ने न तो तय शर्तें पूरी कीं और न ही कॉलोनी का विकास योजना के अनुसार किया। इसके चलते नगर निगम ने 1997 में ही लाइसेंस डीड रद्द करने का नोटिस जारी कर दिया था। इसके बावजूद कंपनी ने सुधार नहीं किया और लीज की अवधि खत्म होने के बाद नगर निगम ने जमीन वापस लेने की प्रक्रिया तेज कर दी।

ताले-जंजीर के साथ पहुंची टीम

बुधवार को नगर निगम की टीम ईटीएफ, पुलिस और पीएसी बल के साथ सहारा शहर में दाखिल हुई। कार्रवाई के लिए पांच ताले और पांच जंजीरें भी लाई गई थीं। टीम ने स्पष्ट कर दिया कि अब जगह खाली करनी ही होगी। मौके पर रह रहे परिवारों को अपना सामान निकालने का मौका दिया गया। हालांकि सहारा प्रबंधन ने अधिकारियों से आग्रह किया कि इतने कम समय में कर्मचारियों और उनके परिवारों को शिफ्ट करना मुश्किल है।

तीन दिन का समय और अंतिम चेतावनी

वार्ता के बाद नगर निगम ने सहारा प्रबंधन को तीन दिन का अतिरिक्त समय दिया है। नगर आयुक्त ने साफ कर दिया कि यह अंतिम मौका है और अब किसी भी सूरत में कार्रवाई रोकी नहीं जाएगी। दशहरा त्योहार के बाद सहारा शहर सील कर दिया जाएगा।

पहले भी मिली थी मोहलत

इससे पहले मंगलवार को भी नगर निगम की टीम कार्रवाई के लिए पहुँची थी, लेकिन उस समय भी सहारा प्रबंधन ने अतिरिक्त समय माँगा था। बुधवार को मोहलत खत्म होने पर टीम फिर पहुँची, मगर एक बार फिर कर्मचारियों की मौजूदगी और प्रबंधन की अपील पर कार्रवाई टल गई।

बड़ा सवाल

  • सहारा शहर में रह रहे कर्मचारियों और उनके परिवारों का भविष्य क्या होगा?
  • क्या नगर निगम व सहारा प्रबंधन मिलकर पुनर्वास का रास्ता निकालेंगे?
  • या दशहरा के बाद सहारा शहर पर ताला लगना तय है?

👉 फिलहाल सहारा शहर पर नगर निगम का शिकंजा कस चुका है और आने वाले तीन दिन सहारा प्रबंधन व कर्मचारियों के लिए बेहद अहम साबित होंगे।